देश के 15 राज्यों 343 जिलों में किसानों को 8,20,600 बीज मिनीकिट बांटे जाएंगे, इस कार्यक्रम के जरिए किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज मिलेंगे, जिसे अच्छा उत्पादन होगा।
इस विशेष कार्यक्रम की शुरूआत 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के मुरैना व श्योपुर जिले से हुई जहां केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगभग दो करोड़ रुपये के सरसों बीज मिनी किट वितरण की शुरूआत की।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम)-ऑयलसीड व ऑयलपाम योजना के तहत शुरू किया गया है। केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया, “देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों के लिए सूक्ष्मस्तरीय योजना के बाद इस वर्ष रेपसीड व सरसों कार्यक्रम के बीज मिनीकिट वितरण कार्यान्वित करने की मंजूरी दी गई है। 15 राज्यों के 343 चिन्हित जिलों में वितरण के लिए 8,20,600 बीज मिनीकिट, जिसमें 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादकता की उच्च उपज देने वाली किस्मों के बीज शामिल हैं।”
इन राज्यों में बांटे जाएंगे बीज किट
इस कार्यक्रम में सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के विभिन्न जिलों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए 1066.78 लाख रुपए आवंटित किए गए है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) – ऑयल सीड व ऑयल पाम योजना के अंतर्गत आज मुरैना में संकर सरसों बीज मिनी किट का निःशुल्क वितरण कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुआ…https://t.co/5PbLfAdSPf#AatmaNirbharKrishi pic.twitter.com/Awl8qa5qBs
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) October 11, 2021
तोमर ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश के मुरैना व श्योपुर, गुजरात के बनासकांठा, हरियाणा के हिसार, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के एटा और वाराणसी जिलों को इस वर्ष के दौरान पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाइब्रिड बीज मिनीकिट के वितरण के लिए चुना गया है। 5 राज्यों के इन 7 जिलों में कुल 1615 क्विंटल बीज से 1,20,000 बीज मिनीकिट तैयार करके वितरण किया जाएगा। हर एक जिले को 15 हजार से 20 हजार बीज मिनी किट दिए जाएंगे।
नियमित कार्यक्रम के अलावा, सरसों की तीन टीएल हाइब्रिड उच्च उपज देने वाली किस्मों को बीज मिनीकिट वितरण के लिए चुना गया है। चयनित किस्में जेके-6502, चैंपियन व डॉन हैं। एचवाईवी की तुलना में अधिक उपज देने के कारण हाइब्रिड का चयन किया जाता है। बीज मिनीकिट कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च उपज क्षमता व अन्य उपयोगी विशेषताओं वाली नई किस्मों का ध्रुवीकरण करना है। आसपास के जिलों के किसानों को इन किस्मों पर भरोसा होगा, जिसके परिणामस्वरूप किसानइसे बड़े पैमाने पर अपनाएंगे।