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ये मशीनें किसानों का समय, मेहनत और पैसा सब बचाएंगी

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लखनऊ। धान की खेती करना किसानों के लिए खाफी मेहनत भरा रहता है, क्योंकि इसके लिए पहले किसान को धान की नर्सरी तैयार करनी होती है और फिर एक-एक पौधे की रोपाई करनी होती है, जिसमें काफी वक्त और पैसा लगता है। लेकिन आज कुछ ऐसी मशीने हैं जिनके इस्तेमाल से आप न सिर्फ अपना समय बचाएंगे, बल्कि फैसे की भी बचत होगी। आइये आपको बताते हैं उन मशीनों के बारे में…

ड्रम सीडर से धान की बुवाई

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम कुमार सिंह ड्रम सीडर से धान की बुआई के बारे में बताते हैं, “किसान फिर से छिटकवा विधि से धान की बुवाई करने लगे हैं, लेकिन छिटकवा विधि से धान की बुवाई करने पर खेत में उगे हुए पौधे एक समान नहीं होते हैं, जिससे अच्छी उपज भी नहीं मिलती है।” वो आगे कहते हैं, “वहीं ड्रम सीडर से बुवाई करने से बीज एक समान अंकुरित होते हैं, जिससे अच्छी उपज मिलती है।”

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बोने का समय: ड्रम सीडर द्वारा अंकुरित धान की सीधी बुवाई मानसून आने से पहले ही जून महीने के शुरुआत में ही कर लेनी चाहिए। नहीं तो एक बार मानसून आने पर खेत में जरुरत से अधिक जलभराव होने से धान का समुचित विकास नहीं हो पाता है।

बीज दर: ड्रम सीडर से सीधी बुवाई करने के लिए 50-55 किलो बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।

धान रोपाई मशीन

आगर आप धान की बुवाई करने के बजाए रोपाई करना चाहते हैं तो आप इस मशीन की मदद से पौध की रोपाई कर सकते हैं। इसमें किसी भी तरीके के ईंधन की भी जरूरत नहीें पड़ती है, इसको सिर्फ एक व्यक्ति चला कर पौधों की रोपाई आसानी से कर सकता हैं।

पैडी वीडर यंत्र से धान की निरार्इ-गुड़ार्इ आसान

किसान को धान की निरार्इ-गुड़ार्इ व खरपतवार हटाने के लिए मजदूरों की ज़रूरत पड़ती है। धान की खेती कर रहे किसानों के लिये पैडी वीडर बेहद लाभदायक कृषि यंत्र है। इसकी मदद से किसान न सिर्फ आसानी से खरपतवार को हटा सकता है, बल्कि खेती में आने वाले लेबर खर्च भी कम कर सकता है।

लखनऊ जिले में पिछले 10 वर्षों से कृषि उपकरण बेच रहे विक्रेता संजय सिन्हा पैडी वीडर को धान किसानों के लिए सफल उपकरण मानते हैं। संजय बताते हैं, ”धान की खेती करने वाले किसानों में सबसे अधिक समय खरपतवार हटाने और निरार्इ-गुड़ार्इ जैसे कार्यों में लगता है। पैडी वीडर उपकरण की मदद से कम समय में खेत की निरार्इ व गुड़ार्इ कर सकते हैं। इसे चलाना भी बेहद आसान होता है।”

पैडी वीडर उपकरण वजन में काफी हल्का होता है, इसको चलाने में एक व्यक्ति की ज़रूरत पड़ती है। इस उपकरण को खेत में प्रयोग करने के लिए इसे पानी भरे खेत में थोड़ा आगे-पीछे करते हुए धान की दो कतारों के बीच चलाते हैं। इसके चलाने से खरपतवार के छोटे टुकड़े हो जाते हैं और कीचड़ में मिल जाते हैं। इससे धान के पौधों में मिट्टी चढ़ाने जैसी प्रक्रिया हो जाती है, जिससे धान की जड़ के आसपास ज़मीन कुरेदी रहती है। इससे धान की पैदावार में तेजी आ जाती है।

पैडी वीडर विक्रेता संजय सिन्हा ने आगे बताया कि हम अभी तक प्रदेश में लखनऊ, अंबेडकर नगर और उन्नाव जैसे जिलों में पैडी वीडर बेच रहे हैं। एक पैडी वीडर की कीमत 1,500 रुपए होती है। सरकारी तौर पर खरीदने पर पैडी वीडर 1,800 से 2,000 रुपए का मिलता है, इस पर सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी भी देती है।”

धान की फसल काटने के लिए स्वचालित रीपर

इसे 1 आदमी द्वारा चलाया जाता है। यह फसल की जमीन से 3 से 4 इंच की ऊंचाई से कटाई करता है और लाइन में फसल कट कर गिरती जाती है। यह रीपर फसल की 120 सेंटीमीटर की चौड़ाई में कटाई करता?है। इसे डीजल इंजन के साथ जोड़ कर बनाया गया है। इस रीपर का हैंडल पकड़ कर किसान को इस के साथसाथ फसल कटाई के लिए चलना पड़ता है।

इस में 5 हार्स पावर का डीजल इंजन होता है। यह 1 एकड़ फसल की 2 घंटे में कटाई कर देता है और इस में तेल की खपत 2 लीटर प्रति घंटा है। इस की कीमत तकरीबन 95,000 रुपए है।

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