धान की ये किस्म बचाती है कैंसर से

Mohit AsthanaMohit Asthana   22 Jun 2017 2:52 PM GMT

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धान की ये किस्म बचाती है कैंसर  सेविभिन्न तरह की धान की किस्मों में हैं औषधीय गुण।

लखनऊ। धान की खेती के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा लेकिन मणिपुर के 63 वर्षीय किसान पोतशंगबम देवकांत ने धान की 165 किस्म की खोज कर लोगों को चौका दिया है। मणिपुर की जलवायु हमेशा एक सी नहीं होती। मणिपुर राज्य की जलवायु धान की खेती के लिये बहतु ही मुफीद होती है। यहां के किसान पी देवकांत ने अभी फिलहाल धान की 25 प्रजातियों को ही उगाया है इसके अलावा अभी तक उन्होने धान की सौ देशी प्रजाति को संरक्षित किया है।

तकरीबन 5 साल पहले देवकांत ने धान की 4 किस्मों से शुरूआत की थी। हांलाकि ये काम देवकांत ने शौक में शुरू किया था और उनका यही शौक अब व्यवसाय बन चुका है। इतना ही नहीं उन्होने मणिपुर के इलाकों में धान की किस्मों की खोज कर डाली। पी देवकांत ने जैविक खेती से धान की सौ किस्मों को उगाकर क्षेत्र के लोगों के बीच मिसाल कायम की। धान की ये प्रजातियां औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है।

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इस धान की किस्मों में "चखाओ पोरेटन" नाम का काला चावल सबसे सर्वश्रेष्ठ धान होता है। इस धान की खासियत है कि ये वायरल फीवर, नजला, डेंगू, चिकनगुनिया और कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों से बचाता है।मणिपुर की राजधानी इंफाल में देवकांत अपने खेतों में घंटो समय देते है और धान की विभिन्न प्रजातियों को उगाकर उन्हे संरक्षित करते है। एक आयोजन के दौरान नेशनल सीड डायवर्सिटी फेस्टिवल 2017 में देवकांत ने अपनी धान की किस्मों के कलेक्शन को दिखाया।

दुर्लभ प्रजाति की किस्म खोजना था मुश्किल

वेबसाइट योर स्टोरी के मुताबिक देवकांत बताते है शुरुआत में ये काम बेहद ही चुनौतीपूर्ण था। कई किस्मों के विलुप्त होने के कारण इन किस्मों को ढ़ूढना काफी मुश्किल था। मुझे कुछ किसानों से दुर्लभ धान की किस्में मिली। अब सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि इस किस्म के धान उनके खेत में पैदा हो पायेंगे या नहीं लेकिन उनकी सूझबूझ और मेहनत रंग लाई। बता दें कि देवकांत को उनके इस अनोखे काम के लिए 2012 में पीपीवीएफआरए संरक्षण अवार्ड (प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैराइटीज एंड फारमर्स राइट्स एक्ट) भी मिल चुका है।

पोतशंगबम देवकांत फोटो साभार: rediff.com

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ये धान कैंसर जैसे गंभीर रोग से भी करता है बचाव

देवकांत ने पांच बेहद दुर्लभ प्रजाति के धान का संरक्षण किया। उन्होंने कम पानी में उपजने वाले सफेद चावल के साथ ही भूरे चावल और काले चावल की कई प्रजातियों का प्रचार-प्रसार भी किया है। मणिपुर में काले चावल की कई प्रजातियां उगाई जाती है जिनमें से चखाओ पोरेटन सबसे अच्छा धान कहा जाता है। ये धान कम पानी में या फिर सूखे जैसे हालात में भी पैदा किया जा सकता है। देवकांत का दावा है कि ये चावल शरीर में होने वाले कई तरह के कैंसर के रोगों को ठीक कर सकता है।

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