भारत की वजह से खुश हैं पाकिस्तान के गन्ना किसान
Ashwani Nigam 5 Nov 2017 4:22 PM GMT

लखनऊ। भले ही भारत-पाकिस्तान के राजनीतिक संबंधों में तनाव है लेकिन आज भारत की वजह से पाकिस्तान के गन्ना किसानों के चेहरे पर खुशी है। इस बात की चर्चा वहां के मीडिया में हो रही है।
कुछ साल पहले लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ना बुवाई की रिंग-पिट मेथड यानि गोलाकर गड्ढा बुवाई विधि विकसित की थी। इस विधि से गन्ना बोने से जहां किसानों को लागत कम आती है वहीं इससे गन्ने की जो फसल तैयार होती है उससे चीनी और गुड़ भी उच्च क्वॉलिटी का मिलता है। भारत में ईजाद की गई इस विधि को पाकिस्तान के स्वीट गोल्ड रिंग-पिट फर्म नामक गन्ना पर शोध करने वाली कंपनी ने पाकिस्तान में इस विधि से गन्ना बुवाई को लेकर गन्ना किसानों का जागरूक करना शुरू किया।
भारतीय विधि से बढ़ी गन्ने की पैदावार
इसका नतीजा है कि आज पाकिस्तान के सबसे बड़े गन्ना और चीनी उत्पादक राज्य पंजाब में रिंग-पिट विधि से बुवाई करके किसान गन्ने की अच्छी पैदावार ले रहे हैं। पाकिस्तान की पहली गन्ना अनुसंधान और विकास कंपनी स्वीट गोल्ड रिंग-पिट फर्म की साल 2011 में स्थापना करने वाले इरफान उल्लाह खान ने बताया, ‘भारत और पाकिस्तान की जलवायु समान होने के बाद भी पाकिस्तान में औसत गन्ने का उत्पादन 45 से 50 टन प्रति हेक्टेयर ही हो पाता था जबकि भारत में 66 टन प्रति हेक्टेयर से ज्यादा गन्ना पैदा करता था।
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ऐसे में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ की विकसित विधि रिंग-पिट विधि को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला मुजाफा गढ़ के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र पांच हजार गढ्ढे बनाकर रिंग-पिट विधि से गन्ना की बुवाई की गई।’
उन्होंने बताया कि यह गन्ना बुवाई की यह विधि बहुत सफल रही। इससे गन्ने की पैदावार दोगुनी हो गई। छोटे और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले गन्ना किसानों के जीवन में इस विधि से गन्ना की खेती करने से क्रांतिकारी परिवर्तन आया। इस विधि से गन्ना की बुवाई करने पर पानी जरूरत भी कम होती है जिसके कारण यह विधि और भी किसानों को पसंद आ रही है।
‘लेट्स ग्रो स्वीट गोल्ड इन पाकिस्तान।’ पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंश जैसे प्रदेशों में इस विधि से गन्ने की खेती करके किसान समृद्ध हो रहे हैं। विश्व में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन ब्राजील में होता है। इस मामले में भारत का स्थान दूसरा है वहीं पाकिस्तान का पांचवां है।
इरफान उल्लाह खान ने बताया कि भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के विजन 2030 का महत्वपूर्ण भाग रिंग-पिट मेथड का पाकिस्तान में गन्ने की खेती में अपनाकर गन्ने की पैदावार बढ़ाई जा रही है। साथ ही किसानों के बीच इसका प्रचार करने के लिए हम नारे भी लगा रहे हैं ‘लेट्स ग्रो स्वीट गोल्ड इन पाकिस्तान।’ पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंश जैसे प्रदेशों में इस विधि से गन्ने की खेती करके किसान समृद्ध हो रहे हैं। विश्व में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन ब्राजील में होता है। इस मामले में भारत का स्थान दूसरा है वहीं पाकिस्तान का पांचवां है।
वीडियो देखिए- आप भी एक एकड़ में 1000 कुंतल उगाना चाहते हैं गन्ना तो अपनाएं ये तरीका
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