बाराबंकी। किसान के बेटों ने खेत में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ऐसी मशीन बनाई है, जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
चाहे धूप हो या छांव, किसानों को अपनी फसल को कीट पतंगों और अन्य रोगों से बचाने के लिए अपनी पीठ पर दवा छिड़कने वाली मशीन टांग कर दवा छिड़कना पड़ता है, जो काफी थका देने वाला काम होता है।
मगर बाराबंकी के एक निजी पॉलीटेक्निक संस्थान में मैकेनिकल की पढ़ाई कर रहे चार छात्रों ने ऐसी मशीन बनाई है, जिससे किसान को न सिर्फ कम मेहनत करनी पड़ेगी, बल्कि खेत मे दवा व अन्य कीट नाशकों का छिड़काव भी बेहतर ढंग से होगा।
इस मशीन को बनाने वाले जो छात्र हैं, वो सभी किसानों के बेटे हैं। इनका नाम अमरीश सिंह, आकाश सिंह, राहुल वर्मा और अमित कुमार मौर्या है।
मैकेनिकल अंतिम वर्ष के छात्र राहुल वर्मा ‘गाँव कनेक्शन’ से बताते हैं, “हम चार लोगों ने मिलकर यह मशीन बनाई है। इस मशीन से किसान कीटनाशक को बिना पीठ पर लादकर पहियों के जरिए चलाएगा, वहीं कीटनाशक रखने के लिए जगह होगी और चार फौव्वारे लगे होंगे, जो खेत के अच्छे भाग को आसानी से कवर करेंगे। ऐसे में किसान को मशीन सिर्फ खेत में चलानी होगी।“
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पुराने साइकिल के फ्रेम का किया इस्तेमाल
इसको बनाने के लिए पुरानी साइकिल के फ्रेम का उपयोग किया गया है और जिस मशीन को इसमें लगाया गया है उसमें सिलिंडर के ऊपर और नीचे, दोनों ओर जाने पर प्रेशर बनता है, जिससे यह अधिक क्षेत्र में फौव्वारा के जरिए कीटनाशक छोड़ती है।
करीब 4000 से कम लागत में तैयार हो जाएगी मशीन
दूसरे छात्र अमित कुमार मौर्या बताते हैं, “इस मशीन को हम लोगों ने पहली बार बनाया है। पहली बार में इसकी लागत करीब 4500 रुपये आई थी, लेकिन इसको और भी कम लागत में तैयार किया जा सकता है।”
वही आकाश सिंह बताते हैं, “क्यारी वाली सभी फसलों और मेंथा आदि फसलों में दवा और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है और इसको चलाना भी काफी आसान है।”
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