नई दिल्ली (भाषा)। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय चाय, कॉफी, फल और सब्जियों जैसे कृषि जिंसों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए लाजस्टिक्स (उपस्कर) जैसे तमाम मुद्दों पर एक व्यापक नीति तैयार कर रही है।
नई नीति का होगी हिस्सा
भारत कृषि जिसों का बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है और देश से कृषि उपजों का निर्यात करने की भारी संभावना बरकरार है। अधिकारी ने कहा, इसलिए भारत के मूल्यवर्धन और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में ऊपर जाने की संभावना व्यापक है। उपस्कर, प्रमाणीकरण, वस्तुओं के स्रोत का पता लगाने की सुविधा नई नीति का हिस्सा होगी।
किसानों की आय दोगुना करने में मिलेगी मदद
अधिकारियों का मानना है कि निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त आधारभूत ढांचे का होना महत्वपूर्ण है। यह पहल किसानों की आय को दोगुना करने और निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगी। मंत्रालय इस बात की पहचान कर रहा है कि किन बाजारों में निर्यात की सबसे ज्यादा मांग है, किन-किन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, और निर्यात प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी कदम क्या होने चाहिए।
कृषि उत्पादों के निर्यात का हिस्सा करीब 10 प्रतिशत
अधिकारी ने कहा कि वे वैश्विक बाजार का भी अध्ययन कर रहे हैं और यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि किन स्थानों पर संभावनाएं हैं। देश के कुल निर्यात में कृषि उत्पादों के निर्यात का हिस्सा करीब 10 प्रतिशत है। भारत कृषि निर्यात बाजार में मुख्यत: चाय, कॉफी, अनाज, तम्बाकू, मसाले, काजू, तेल खली, फलों एवं सब्जियों और समुद्री उत्पादों का निर्यात करता है।