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एक रुपए प्रति किलो बिक रही थी लौकी, किसानों ने बिहार में सड़कों पर फेंकी सब्जियां

किसानों का आरोप था कि पिछले दस दिनों से यही हाल है। लौकी की कीमत एक रुपये किलो के आसपास मिल रही है।
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एक बार फिर किसानों को उनकी उपज की लागत तक न निकलने पर सड़कों पर सब्जियां फेंक दी है।

ये तस्वीरें बिहार के नालंदा जिले के नूरसराय क्षेत्र की हैं, जहां बिहार शरीफ-दनियावां मुख्य मार्ग पर किसानों को उनके कद्दू (उर्फ लौकी, उर्फ सजमन) की सही कीमत नहीं मिली तो उन्होंने सड़क पर लौकी फेंक कर जाम लगा दिया।


किसानों का आरोप था कि पिछले दस दिनों से यही हाल है। लौकी की कीमत एक रुपये किलो के आसपास मिल रही है। जबकि इससे डेढ़ गुना तो इन्हें बाजार तक लाने में खर्च हो जा रहा है। सरकार की तरफ से खरीद की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में वे क्या करें?

किसानों ने अपनी उपज सड़कों पर फेंककर सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। दरअसल नालंदा का इलाका सब्जियों की खेती के लिए मशहूर है। यहां के किसान छोटी-छोटी जोत पर बम्पर उत्पादन करते हैं। मगर पिछले कुछ वक्त से इन्हें लागत के अनुरूप दाम नहीं मिल रहा।

किसानों के अनुसार, सिर्फ एक रुपए प्रति किलो के आधार पर लौकी बेचनी पड़ रही है। जबकि एक बीघा फसल में 50 से 60 हजार रुपए तक का खर्चा आता है। ऐसे में अपनी उपज को खेत से मंडी तक ले जाने वाला खर्चा निकालना मुश्किल हो रहा है।

(साभार: पुष्य मित्र की फेसबुक वॉल से) 

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