रबी की कई फसलें तैयार हो गईं हैं, कई फसलें किसान काट भी रहे हैं, ऐसे में अलग अलग राज्यों में बारिश के साथ ओले गिरने से किसानों का नुकसान हो गया। वहीं कुछ फसलों के लिए बारिश फायदेमंद भी है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के किसान रामकेवल ने सरसों की फसल काट कर रखी थी कि अचानक बारिश आ गयी। किसान रामकेवल गांव कनेक्शन से बताते हैं, “इस बार हमने एक बीघा में सरसों बोई थी, तैयार सरसों काटकर रखी थी कि आंधी तूफान के साथ बारिश आ गई, हवा से फसल उड़ गई और बाकी फसल भीग गई, बहुत नुकसान हो गया है।”

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर राज्य में कई जगहों पर रुक-रुक कर गरज के साथ वर्षा होने के आसार बने हुए हैं। इसी तरह से अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड ओडिशा के कुछ भागों में गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
बाराबंकी के फतेहपुर ब्लॉक अंतर्गत बेलहरा कस्बे के रहने वाले रमेश चंद्र (50) बताते हैं, “हमारे क्षेत्र में इस बार तरबूज की खेती बड़े पैमाने पर हो रही थी कल देर शाम तेज आंधी के साथ में बरसात होने से खेतों में फसल तहस-नहस हो गई है। इस वक्त आलू की खुदाई हो रही है बरसात में आलू भीग जाने से अब सड़ना शुरू हो जाएगा साथ ही तरबूज खरबूजा और बागवानी करने वाले किसानों को खासा नुकसान पहुंचाया है और इस बरसात के बाद कई तरह के फसलों में रोग भी लग जाएंगे।

उत्तर भारत के पहाड़ों पर अगले 24 घंटों के दौरान हल्की वर्षा होने की संभावना है। पहाड़ों पर बारिश की गतिविधियां कल से फिर बढ़ेंगी और 17 मार्च तक पहाड़ों पर मौसम सक्रिय बना रहेगा। 16 और 17 मार्च को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के भी कुछ इलाकों में फिर से वर्षा होने की संभावना है और इसी दौरान मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत तक प्री-मॉनसून हलचल बढ़ सकती है।
Nowcast -3
Fresh Thundery Development going on in South #Haryana & N #Rajasthan.
Light to moderate rains with few intense showers along with lightning Thunder to occur at various parts of #Delhi #Gurgaon #Faridabad #Noida #Ghaziabad #Rohtak #Jhajjar till evening hours#DelhiRains pic.twitter.com/HY8Niv8bB3— Weatherman Navdeep Dahiya (@navdeepdahiya55) March 12, 2021
बाराबंकी जिले की कृषि रक्षा अधिकारी प्रीति किरण बाजपेई ने बताया, “बेमौसम बरसात होने से गर्मी के साथ ही आद्रता बढ़ गई है जिससे फफूंदी जनित रोग फसलों में लगने की संभावना बन गई है इसलिए मौसम साफ होने पर किसान फफूंदी जनित दवाइयों का स्प्रे करके अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं और खेतों में जलभराव ना होने दें।”
“इस बार महंगा बीज लेकर आलू की बुवाई की थी भाव पहले ही नहीं मिल रहा है आलू के स्टोर फुल हो चुके हैं और ऐसे में खुदाई के बाद पानी में आलू भीग गया है घर में भी ज्यादा दिन तक नहीं रख पाएंगे यह सारा आलू अगर समय से बाजार नहीं पहुंचा तो सड़ना शुरू कर देगा, “वहीं अपने खेतों में आलू की फसल खुदी पड़ी की देख रेख कर रहे सत्रोहन राजपूत (55) ने बताया।

मध्य प्रदेश के सतना जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित गाँव सितपुरा के किसान दशरथ प्रसाद उपाध्याय बताते हैं कि शुक्रवार 12 मार्च की रात हुई बारिश और तेज हवा के कारण गेहूं की फसल खेत में लेट गई है। जितनी फसल लेटी हुई है उतने का दाना कमज़ोर हो जाएगा। दशरथ ने सात एकड़ में गेहूं की फसल बोई है। उनकी करीब आधा एकड़ की फसल तेज हवा के दवाब में खेत में लेट गई है।
वहीं सीतापुर जिले के सलेमपुर के रहने वाले 55 वर्षीय किसान मुन्ना सिंह बताते हैं कि बीती रात तेज आंधी और बरसात ने गन्ने की फसल को जमीन पर बिछा दिया जिससे तैयार करने में अब लागत बढ़ जाएगी साथ ही जिन किसानों ने खेतों में सिंचाई कर दी थी उनकी गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई है।
उन्नाव जिले के सिकन्दरपुर ब्लॉक के मवइया गाँव के युवा किसान कृष्णकांत शुक्ला बताते हैं कि असमय बारिश ने सरसों के साथ गेंहू की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। कल ही कुछ खेतों में पानी लगाया था मौसम बिगड़ा तो हमने पानी लगाना बंद कर दिया।लेकिन आंधी तूफान से गेहूं की फसल गिर गयी है जिससे उसमे भी नुकसान की संभावना बढ़ गई है। गेंहू में दाना भर रहा था ऐसे में गेहूं गिरने से दाना सुख सकता है जो उत्पादन पर भी असर डाल सकता है।