खेती-किसानी में परम्परा से हटकर नया काम करने वाले छत्तीसगढ़ के तीन किसान राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   3 May 2017 4:09 PM GMT

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खेती-किसानी में परम्परा से हटकर नया काम करने वाले छत्तीसगढ़ के तीन किसान राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानितकेंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह।

रायपुर (भाषा)। छत्तीसगढ़ के तीन किसानों को खेती किसानी में नवोन्मेषी काम करने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि खेती-किसानी में परम्परा से हटकर नया काम करने वाले बिलासपुर जिले के किसान चौतराम यादव और द्वारिकेश पाण्डेय तथा कबीरधाम जिले के शिव कुमार चन्द्रवंशी शामिल हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन ने किया सम्मान, दिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपए और सम्मान पत्र

केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने पिछले माह मोतीहारी बिहार में आयोजित भव्य कार्यक्रम में इन किसानों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए और सम्मान पत्र से सम्मानित किया है। अधिकारियों ने बताया कि किसानों को यह सम्मान ‘पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण' नई दिल्ली की ओर से दिया गया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसानों को बधाई दी है।

नई किस्म में अंगूर के गुच्छे की तरह फलते हैं बेर

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर जिले के किसान चौतराम यादव उद्यानिकी फसलों की खेती करते हैं। यादव ने उद्यानिकी फसलों की परम्परागत किस्मों के संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। इसके अलावा उन्होंने चयन पद्घति से ग्राफ्टिंग कर बेर की नई किस्म अंगूरी विकसित की है। नई किस्म में अंगूर के गुच्छे की तरह बेर फलते हैं, इस किस्म के बेर स्वादिष्ट, गुदेदार और मीठे होते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि चौतराम यादव ने दुर्लभ प्रजाति के बेल तथा विभिन्न प्रकार के फूलों खासकर चंदैनी गोंदा के अनेक किस्मों के संरक्षण का कार्य किया है।

किसान द्वारिकेश पाण्डेय ने धान की पन्द्रह दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण और संवर्धन किया

उन्होंने बताया कि किसान द्वारिकेश पाण्डेय ने धान की पन्द्रह दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण और संवर्धन किया है। इनमें धान की लोहंदी किस्म उल्लेखनीय रुप से शामिल हैं। लोहंदी किस्म का नया चावल पुराने चावल की तरह अच्छे से पकता है, लोहंदी चावल स्वाद और औषधि गुणों से परिपूर्ण है।

किसान शिवकुमार चंद्रवंशी ने 42 किस्म के देसी बैंगन के संरक्षण का विशेष कार्य किया

अधिकारियों ने बताया कि कवर्धा के किसान शिवकुमार चंद्रवंशी ने 42 किस्म के देसी बैंगन (भटा) के संरक्षण के लिए विशेष कार्य किया है। इनमें से अनेक प्रजातियों के भाटे के पौधे दो मीटर तक की ऊंचाई वाले होते हैं, इन किस्मों में कीडे और बीमारियां नहीं के बराबर लगती है। शिवकुमार ने सौफ, चिरपोटी पताल, गाजर और बेर की लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण भी किया है।

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