इस साल बेहतर मानसून की वजह से खरीफ फसलों की रिकॉर्ड बुवाई हुई है। केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 28 अगस्त 2020 तक देशभर में 1,082.22 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है जो पिछले रिकॉर्ड 1,075.71 लाख हेक्टयेर से ज्यादा है जबकि देश के कई हिस्सों में बुवाई अभी भी जारी है।
शुक्रवार 28 अगस्त को खरीफ फसलों की बुवाई की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सह सब किसानों की वजह से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि किसानों की उन्नति ही उनकी सरकार का लक्ष्य है।
केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि चालू खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 1082.22 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है जो कि वर्ष 2019 की अपेक्षा 13 लाख हेक्टयेर अधिक है। खरीफ सीजन वर्ष 2019 का कुल रकबा 1069.5 लाख हेक्टयेर था। इससे पहले सबसे ज्यादा बुवाई खरीफ सीजन 2016 के दौरान 1075.71 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, “सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाये गये हैं। इसी का रिजल्ट है रिकॉर्ड बुवाई। हम आश्वस्त हैं कि फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन का आंकड़ा 29.83 करोड़ टन को पार कर जाएगा। इसमें खरीफ सीजन में14.99 करोड़ टन है। खरीफ सीजन की फसलें मुख्य रूप से बारिश आधारित होती है और इस वर्ष अच्छे मानसून के साथ-साथ किसानों की मेहनत से यह प्रगति मिली है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी का प्रभाव खरीफ फसलों पर नहीं पड़ा है। लॉकडाउन के समय कृषि संबंधी छूट की वजह से रबी फसलों की कटाई निर्बाध तरीके से हो पाई और ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई भी पिछली बार से करीब 40 फीसदी ज्यादा हुई।
धान की 10 तो दलहनी फसलों का रकबा 4.60 फीसदी बढ़ा
खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा बढ़ाने में धान और दलहनी फसलों का योगदान सबसे ज्यादा रहा। चालू बुवाई सीजन में धान का रकबा पिछले साल की अपेक्षा 10 फीसदी बढ़कर 389.81 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि दलहनी फसलों का रकबा 4.60 फीसदी बढ़कर 134.57 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इस साल मोटे अनाजों की बुवाई भी खूबी हुई है। मोटे अनाजों की बुवाई 176.89 लाख हेक्टेयर में हुई है जो कि साल से 2.55 फीसदी अधिक है। तिलहन फसलों की बुवाई 193.29 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल से 13.04 फीसदी ज्यादा है। गन्ने का रकबा 52.29 लाख हेक्टेयर और कपास का 128.41 लाख हेक्टेयर हो चुका है। जूट व मेस्ता की बुवाई 6.97 लाख हेक्टेयर में हुई है।