सूरजमुखी की बुवाई का सही समय

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सूरजमुखी की बुवाई का सही समयकिसानों के लिए यह मौसम अनुकूल है। इसकी बुआई कर वे फसल उत्पादन के बाद बेहतर लाभ कमा सकते हैं।

लखनऊ। सूरजमुखी फसल की बुवाई का समय आ गया है। सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है, बेहतर मुनाफा देने वाली इस फसल को नकदी खेती के रूप में भी जाना जाता है। किसानों के लिए यह मौसम अनुकूल है। इसकी बुआई कर वे फसल उत्पादन के बाद बेहतर लाभ कमा सकते हैं।

सूरजमुखी के खेत की तैयारी:- सूरजमुखी की अच्छी पैदावार लेने के कलए खेत में अच्छी नमी व मिट्टी का भूरभूरा होना बहुत जरूरी है। सिंचिंत भूमि में पहली जुताई मिट्टी पलट हल से बाद दो जुताई डिस्क हैरो या देशी हल से कर खेत तैयार करते हैं।

बिजाई का समय

15 जनवरी से 15 फरवरी तक का समय अति उत्तम है। लेकिन बिजाई के समय तापमान कम न हो अन्यथा अंकुरण में समस्या होती है।

बीज की मात्रा

उन्नत किस्मों का 4 किग्रा (ई.सी.68415 सी) तथा संकर किस्मों का 1.5 से 2 किग्रा बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है।

बीज उपचार व बिजाई विधि

सूरजमुखी के बीज शीघ्र अंकुरण व अधिक जमाव तथा अधिक उत्पादन के लिए बीज को चार से छः घण्टे तक भिगोयें ताकि बिजाई से पहले छाया में सुखाकर फरकरा कर लें। बीजोपचार किसी फफूंदनाशी जैसे कैप्टान, थिराम, बैविस्टिन, काबेन्डाजिम आदि से अवश्य कर लें ताकि बीज जनित बीमारी न हो।

सिंचाई

बुवाई के 20-25 दिन के बाद पहली सिंचाई करें। फूल आने पर खेत में नमी बरकरार रखनी चाहिए। 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

     

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