टमाटर से फिर लाल हुई सड़कें 

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टमाटर से फिर लाल हुई सड़कें सब्जी उत्पादक किसानों ने सड़क पर यह टमाटर धमधा बस स्टैंड से फेंकना शुरू किया और सिलसिला जारी रखते हुए वे धमधा पुलिस थाने तक पहुंचे।

दुर्ग (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के धमधा में सोमवार को सब्जी उत्पादक किसानों ने प्रदर्शन कर सड़कों को टमाटर से लाल कर दिया। किसानों ने सड़कों पर कई ट्रैक्टर टमाटर फेंककर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जताया। सब्जी उत्पादक अपने उत्पाद के लिए खरीदारों के अभाव एवं सही दाम नहीं मिलने से परेशान हैं। सब्जी उत्पादक किसानों ने सड़क पर यह टमाटर धमधा बस स्टैंड से फेंकना शुरू किया और सिलसिला जारी रखते हुए वे धमधा पुलिस थाने तक पहुंचे।

कहा जा रहा है कि धमधा की सड़कों पर करीब 20 से 25 ट्रैक्टर टमाटर फेंका गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक रविंद्र चौबे और धमधा के सब्जी उत्पादक किसान बड़ी संख्या में मौजूद थे। सब्जी उत्पादक किसानों ने कहा कि नोटबंदी के कारण सब्जी का बाजार ठप पड़ा हुआ है। सब्जी व्यापारी माल उठाने नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे माल जमा होकर खराब हो रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ व्यापारी माल खरीदने पहुंच रहे हैं तो वे सब्जियों का औना-पौना दाम आंक रहे हैं। कुछ व्यापारी तो माल का चेक में सौदा करने के लिए सब्जी उत्पादकों को बाध्य कर रहे हैं, लेकिन यह व्यवस्था सब्जी उत्पादकों के हित में नहीं है। सब्जी उत्पादकों के कई टन उत्पाद प्रतिदिन व्यर्थ हो रहे हैं।

पखवाड़े भर पूर्व टमाटर को जमींदोज करने का ऐसा दृश्य छत्तीसगढ़ के प्रमुख टमाटर उत्पादक जिले जशपुर में देखने को मिला था। यहां के पत्थलगांव और फरसाबहार में किसान तोड़ाई के बाद टमाटर को खेतों में ही छोड़ दे रहे थे। टमाटर की कीमत चिल्हर में 2 से 3 रुपये प्रति किलो रह गई थी तथा थोक में यह 25 पैसे से एक रुपये तक सिमट गई थी।

     

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