एक फरवरी से उत्तर प्रदेश में खाद की बिक्री POS (प्वाइंट आफ सेल) मशीन के द्वारा की जाएगी। इस बारे में अमित मोहन प्रसाद प्रमुख सचिव कृषि ने बयान जारी करते हुए कहा है कि एक फरवरी से हर उर्वरक की दुकान पर एक POS मशीन लगी होगी, जिपर किसान अपना अंगूठा लगाकर अपनी पहचान कराएंगे। इससे ये तय हो जाएगा कि जो उर्वरक सब्सिड़ी पर किसानों को दिया जा रहा है वो सीधे किसानों तक पहुंच रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि उस वक्त कुछ लोग आपको गलत जानकारी दें, इसलिए उनकी बातों पर ध्यान न दें। इस मशीन के लगने से उर्वरकों के मूल्य में कोई अंतर नहीं आएगी। उर्वरक उसी कीमत पर मिलेंगे जिस कीमत में अभी तक मिलते आए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस लिए कीसी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी। यह काम किसानों के कम में और उनके हितों की रक्षा करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों के लिए जो सुविधा उपलब्ध कराती है उसका लोग दुरुपयोग न कर सकें इसके लिए सरकार ऐसा करने जा रही है। एक फरवी के बाद अगर कोई उर्वरक विक्रेता POS मशीन के बिना उर्वरक बेचता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।