फिलिपीन: प्रधानमंत्री ने सौंपे धान की दो प्रजातियों के बीज
गाँव कनेक्शन 13 Nov 2017 4:19 PM GMT
लॉस बानोस, (फिलिपीन) (भाषा)। भारत ने फिलिपीन स्थित वैश्विक चावल अनुसंधान केंद्र के जीन बैंक को सोमवार को धान की दो प्रजातियों के बीज सौंपे। बीज देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आईआरआरआई प्रमुख अनाज की खेती में सुधार करके गरीबी और भूखमरी को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।
बाढ़ का प्रकोप झेलने वाली धान की किस्में
Interacted with Indian scientists, students, researchers working at IRRI. India’s ICAR and IRRI have been cooperating for four decades. India is also involved in helping IRRI in strategic planning, helping decide key goals and working to overcome hunger as well as poverty. pic.twitter.com/7aHzo3VvjX
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2017
सोमवार को लोस बानोस में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) पहुंचे प्रधानमंत्री ने वहां काम करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। आईआरआरआई के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को बाढ़ का प्रकोप झेल लेने वाले चावल की किस्मों के बारे में बताया, जो कि 14 से 18 दिनों तक पानी में डूबे रहते हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1-3 टन प्रति हेक्टेयर अधिक उपज प्रदान करते हैं।
गरीबी और भूखमरी को कम करने की दिशा में काम कर रहा आईआरआरआई
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा, “आईआरआरआई में भारत की ओर से योगदान आईआरआरआई के जीन बैंक को धान की दो प्रजातियों के बीज दिए।“ उन्होंने कहा, “आईआरआरआई की मेरी यात्रा सीखने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण थी। आईआरआरआई चावल की खेती में सुधार करके गरीबी और भूखमरी को कम करने की दिशा में काम कर रहा है। उनका काम एशिया और अफ्रीका के कई किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाता है।“
Saw a detailed exhibition on rice varieties and the impressive work done by IRRI with women farming cooperatives. pic.twitter.com/zoqW86brF2
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2017
वाराणसी में आईआरआरआई का क्षेत्रीय केंद्र
मोदी यहां धान प्रयोगशाला (राइस फील्ड लैब) का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस प्रयोगशाला का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है। भारत सरकार प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आईआरआरआई का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित कर रही है।
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