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पहली तिमाही में 07 फीसदी बढ़ा चीनी उत्पादन, अक्टूबर-दिसंबर 2018 में पहुंचा 1.10 करोड़ टन

इस्मा ने कहा, "हालांकि, कम बारिश और कीड़ों के संक्रमण के कारण इस साल महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन की मात्रा में कमी होगी। देश में भी कुल मिलाकर इस साल चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने की उम्मीद है।"
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नयी दिल्ली। देश का चीनी उत्पादन अक्टूबर से शुरू विपणन वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत बढ़कर 1.10 करोड़ टन पर पहुंच गया। इसकी वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों का जल्द परिचालन शुरू करना है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस्मा ने बयान में कहा, “31 दिसंबर 2018 तक देश में 501 चीनी मिलों ने परिचालन करके 1.10 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया है। इसकी तुलना में 31 दिसंबर 2017 तक 505 चीनी मिलों ने 1.03 करोड़ टन का उत्पादन किया था।”


महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों ने इस साल जल्द पिराई शुरू कर दी है। जिसके परिणामस्वरूप विपणन वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में उत्पादन बढ़ा है।

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इस्मा ने कहा, “हालांकि, कम बारिश और कीड़ों के संक्रमण के कारण इस साल महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन की मात्रा में कमी होगी। देश में भी कुल मिलाकर इस साल चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने की उम्मीद है।”

इससे पहले संघ ने कहा था कि चीनी उत्पादन 2017-18 में 3.25 करोड़ टन से घटकर 2018-19 में 3.15 करोड़ टन रहने का अनुमान है। चीनी की सालाना घरेलू मांग 2.60 करोड टन है।

आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने अक्टूबर-दिसंबर 2018 के दौरान 31 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 33 लाख टन था। इस दौरान, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 38.39 लाख टन से बढ़कर 43.98 लाख टन हो गया। कर्नाटक में भी चीनी उत्पादन एक साल पहले के 16.83 लाख टन से बढ़कर 20.45 लाख टन हो गया।

(भाषा)    

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