किसानों ने खेती में किया परिवर्तन, जायद में कर दी खरीफ की फसल

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किसानों ने खेती में किया परिवर्तन, जायद में कर दी खरीफ की फसलमक्का की खेती जनपद के किसानों के लिए जायद की फसल में मुफीद मानी जा रही है।

मोहम्मद आमिल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

एटा। खरीफ की फसल में शुमार मक्का की खेती जनपद के किसानों के लिए जायद की फसल में मुफीद मानी जा रही है। कभी सावन से पहले मक्का की बोआई हुआ करती थी, लेकिन अब बोआई के सीजन में मक्का की फसल की कटाई हो रही है।

इसका कारण किसानों को बेहतर मुनाफा होने वाला है। जनपद में लगभग 35 से 40 प्रतिशत किसानों ने इस समय मक्का की अगेती फसल की है। यह बदलाव जनपद में पिछले तीन वर्ष में देखने को मिला है।

जायद की फसल में जनपद के किसान दलहन की फसल किया करते थे, मुनाफा न होने के कारण अब किसानों ने मक्का की अगेती फसल करना शुरू कर दी है। इसमें किसानों को बेहतर मुनाफा होने लगा है। तीन वर्ष पहले जनपद के कुछ किसानों ने अगेती मक्का की फसल करना शुरू की अब अगेती फसल करने वाले किसानों की संख्या बढ़ गयी है।

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कृषि विभाग की माने तो तकरीबन 35 से 40 प्रतिशत किसानों ने इस वर्ष मक्का की अगेती खेती की है। अगेती खेती में किसानों को जहां बरसात में होने वाली मक्का की फसल में 1 बीघा में ढाई से तीन कुन्तल फसल हुआ करती थी अब यह बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो गयी है। हालांकि इस फसल में किसानों को पानी अधिक देना पड़ा है।

शीतलपुर ब्लाक के गाँव सहसपुर निवासी किसान मुनेश कुमार (45वर्ष) ने बताया, ‘‘बरसात में होने वाली मक्का की फसल में एक बीघा में दो से तीन कुन्तल मक्का होती थी। इस सीजन की फसल में हमारे एक बीघा में साढ़े छह कुन्तल मक्का हुई है। अच्छा मुनाफा होने की वजह से हम मक्का की फसल पहले कर रहे हैं।”

निधौलीकलां ब्लाक के गाँव मुईनुददीनपुर निवासी किसान मुनेश कुमार (40वर्ष) कहते हैं, ‘‘इन दिनों पहले हम दलहन की खेती किया करते थे। इस फसल में मुनाफा कम हुआ करता था। वहीं नीलगाय भी फसल को बर्बाद कर देती थी, इसलिए अब मक्का की फसल करना शुरू कर दी है।”

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वहीं मारहरा ब्लाक के गाँव श्यौराई निवासी किसान विजय सिंह (40वर्ष) का कहना है, ‘‘बरसात के दिनों में होने वाले मक्के में कभी इतना मुनाफा नहीं हुआ। कभी-कभी तो अधिक बारिश होने के कारण फसल खराब हो जाती थी। ”

कृषि विभाग के तकनीकी सहायक शशी कुमार चौहान बताते है पिछले तीन वर्ष से क्षेत्र में जायद की फसल में मक्का की जा रही है। किसानों को इस फसल से लाभ भी मिल रहा है। जहां खरीफ की मक्का की फसल एक बीघा में मात्र तीन कुन्तल हुआ करती थी, अब यह जायद में बढ़कर सात कुन्तल तक हो रही है। जनपद में ही लगभग 35 से 40 प्रतिशत किसानों ने जायद में मक्का की फसल की है।

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