दस दिन में लीजिये मीठी मटर का स्वाद

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दस दिन में लीजिये मीठी मटर का स्वादमटर (फोटो साभार: गूगल)

रिपोर्ट: सुधा पाल

लखनऊ। प्रदेश में किसान मटर को व्यवसायिक खेती बनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इस बार उप्र में अच्छे मौसम की वजह से मटर के उत्पादन में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। लगभग 2,18, 949 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में हर साल मटर की बुवाई की जा रही है। उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अनुसार दिसंबर महीने तक राज्य की देसी मटर की फलियां बाज़ारों में लाने के लिए तैयारी की जा रही है।

प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल का उत्पादन

मटर की बुवाई सितंबर महीने से शुरू हो जाती है। दलहनी सब्जियों की बात की जाए तो हर मौसम में फली वाली मटर पहले नंबर पर होती है। किसानों के लिए मटर सर्दी के मौसम की एक खास फसल है। इसकी मांग साल भर बनी रहती है। सीजन के दौरान फली के रूप में और सीजन के बाद फ्रोजन दानों के रूप में मटर का इस्तेमाल किया जाता है। किसान फली तोड़कर बेचने के लिए मंडियों तक फसल को पहुंचाते हैं। हर साल राज्य में प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल तक मटर का उत्पादन किया जाता है। मटर की फलियों को तोड़ने के बाद इन्हें प्रदेश की मंडियों के साथ ही बाहर अन्य राज्यों में भी भेजा जाता है। इन फलियों का निर्यात देश के बाहर भी किया जाता है। उसके साथ ही मुम्बई, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी इन्हें भेजा जाता है।

क्या कहते हैं उद्यान अधीक्षक

उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उद्यान अधीक्षक जयप्रकाश पाल बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 24,810,65 मीट्रिक टन मटर की फलियों का उत्पादन किया जाता है। इस फसल में कम लागत होने के साथ सिंचाई भी कम लगती है। इसलिए अच्छे मौसम और बारिश की वजह से इस साल (2016-17) राज्य में मटर का काफी अच्छा उत्पादन हो सकता है। उन्होंने बताया कि मटर आरकिल, मटर आजाद (पी3, पी1, वीआर22, वीआर10, वीआर5, वीआर6) जैसी अच्छी किस्मों से किसान मटर का बेहतर उत्पादन कर रहें हैं।

बड़े पैमाने पर यहां की जाती है खेती

लखनऊ (6629 हेक्टेयरमें) - 55,224 मीट्रिक टन

फैजाबाद (15906 हेक्टेयर में) -1,60,074 मीट्रिक टन

बस्ती (8503 हेक्टेयर में) - 56,370 मीट्रिक टन

आजमगढ़ (7901 हेक्टेयर में) -74,666 मीट्रिक टन

मिर्ज़ापुर (6924 हेक्टेयर में) - 66,218 मीट्रिक टन

वाराणसी (6964 हेक्टेयर में) - 75,197 मीट्रिक टन

चित्रकूट धाम (18460 हेक्टेयर में) - 1,63,167 मीट्रिक टन

झांसी (1,07,201 हेक्टेयर में) - 13,54,377 मीट्रिक टन

जालौन है सबसे बड़ा मटर उत्पादक जिला

झांसी के जालौन जिले में मटर का सबसे ज़्यादा उत्पादन किया जाता है। यहां 49,576 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में लगभग 6,63,608 मीट्रिक टन मटर की फलियों का उत्पादन किया जाता है। बुंदेलखंड के किसान और बीज स्टोरेज की निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक अजयपाल सिंह ने बताया कि गांव का हर किसान लगभग 3000 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में मटर की खेती करता है। साल भर मटर की मांग होने और खपत की वजह से गांव का हर किसान इसे व्यावसायिक खेती के रूप में अपना रहा है।

नोटबंदी के बावजूद हुआ अच्छा उत्पादन

अजयपाल सिंह बताते हैं कि जिन किसानों ने सितंबर में ही मटर की बुवाई कर दी थी उन्हें पुराने नोट बंद होने से कोई खास परेशानी नहीं आई। ऐसे किसान जिन्होंने नोटबंदी के दौरान (अक्टूबर महीने के अंत में) या जिन्हें नवंबर में बुवाई करनी थी, उन्हें काफी दिक्कत हुई। बीज खरीदना, मजदूरी, कीटनाशक और खाद के लिए किसानों के पास पैसा पर्याप्त नहीं था। इसके बावजूद किसानों ने जैसे तैसे करके फसल तैयार कर ली। इसके साथ ही इस बार सामान्य मौसम और उचित जलवायु की वजह से मटर की बेहतर पैदावार हुई है।

दिसंबर में 50-60 रुपए की शुरुआती कीमत से मटर बाजारों में आने वाली है। इस साल राज्य में काफी अच्छा उत्पादन हुआ है जिससे किसानों को भी मुनाफा होगा।
जयप्रकाश पाल, उद्यान अधीक्षक, शाकभाजी, उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ

   

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