‘खेती को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की जरूरत’

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‘खेती को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की जरूरत’विकास खण्ड हरख के दौलत पुर गाँव में लोक भारती द्वारा एक दिवसीय कृषि कार्यशाला ।

वीरेन्द्र सिंह, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बाराबंकी। विकास खण्ड हरख के दौलत पुर गाँव में लोक भारती द्वारा एक दिवसीय तकनीकी कृषि प्रशिक्षण कार्यशाला रखा गया। कार्यक्रम में 50 से ज्यादा युवा किसान शामिल हुए। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए सोशल एक्टिविस्ट प्रदीप सारंग ने कहा कि हम अपने अधिक लाभ के चक्कर में देश दुनिया को नजर अंदाज नहीं कर सकते। ये देश हम किसानों का है इसलिए किसानों को आगे बढ़कर हमे अपने जीवन, घर, गाँव, और खेती को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। कार्यशाला में कृषि विशेषज्ञ भूपेंद्र मौर्य ने कहा कि जीवामृत कृषि का वरदान है। ये फसल को रोगों से बचाता है और रसायनिक खाद की खपत को कम करता है। इसको हर किसान अपने घर में तैयार कर सकता है। भूपेंद्र मौर्य ने जीवामृत बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया।

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झाँसी से आये श्याम बिहारी ने जीरो लागत की खेती के गुर सिखाए। साथ ही गाय हमारी खेती की लागत को कैसे कम करेगी इस विषय पर भी विस्तार से जानकारी दी। ग्राम प्रधान रोहित की अध्यक्षता में हुए इस कार्यशाला में गोपाल उपाध्याय, श्रीकृष्ण, सुनील सहारा, एडवोकेट बलराम सिंह, भारत लाल ने भी विचार रखे। कार्यशाला में कोमल वर्मा, उर्मिला, रजत बहादुर, मनोज, रमेश रावत, सदानंद, श्रवण, अमरेश, आजाद सिंह, रामदास समेत अन्य उपस्थित रहे।

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