गर्मियों में फसलों को लगातार पानी की सिंचाई की जरुरत होती है। लेकिन किस फसल को कब सिंचाई चाहिए, ये अक्सर किसान नहीं समझ पाते। अगर पानी की मांग का सही समय पता चल सके तो किसान को कई फायदे हो सकते हैं।
विकास सिंह तोमर, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
किसान अच्छी खेती करने का प्रयास तो करते हैं। ऐसे में यह पता चल जाए कि सिंचाई कब और कितनी करनी है तो फसलों का उचित प्रबंधन किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया, सीतापुर के वैज्ञानिकों ने मृदा नमी सूचक यंत्र बनाया है। इस यंत्र के जरिए किसान पता कर सकते हैं कि फसलों की सिंचाई कब की जाए।
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क्या है यह यंत्र?
मृदा नमी सूचक यंत्र एक बहुत ही साधारण यंत्र है, जिसमें चार रंगों की एलईडी बल्ब के द्वारा खेत में जल की आवश्यकता को दिखाया जाता है। यह यंत्र किसानों इस यंत्र को कृषि विज्ञान केन्द्र कटिया, सीतापुर से खरीद भी सकते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया, “इस यंत्र के जरिए हर दिन केवीके की टीम द्वारा किसानों के खेत पर सिंचाई की स्थिति की जानकारी देने के साथ किसानों को जल संरक्षण के प्रति जागरुक किया जा रहा है।”
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