इस तकनीक से रबी की फसल का बढ़ेगा उत्पादन
गाँव कनेक्शन 6 Nov 2016 6:24 PM GMT

कानपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) द्वारा गेहूं, जौ, चना, मटर व मसूर समेत रबी की अन्य फसलों की उत्पादन तकनीक विकसित करने के लिए इस वर्ष 75 प्रोजेक्ट दिए हैं। इनके द्वारा किसानों के लिए उन्नत बीज विकसित करने का कार्य किया जायेगा। इसमें कुछ वित्तीय संस्थानों भी इस कार्य में योगदान किया है।
गेहूं, जौ, चना, मटर व मसूर समेत रबी की अन्य फसलों के लिए यह प्रोजेक्ट दिए हैं। सीएसए के संयुक्त निदेशक (शोध) डॉ. एचजी प्रकाश ने बताया कि इस बार हमारे विश्वविद्यालय को अधिक प्रोजेक्ट मिले है और सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है की इनमे से कई पर तो विधिवत रूप से काम भी शुरू हो चुका है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में सदैव किसानों के लिए उन्नत बीज विकसित करने के लिए शोध भी चलते रहते हैं लेकिन इस वर्ष शोध निदेशालय ने फसलों की नई प्रजातियां विकसित करने के साथ-साथ उन्हें खेतों पर पहुंचाने की योजना बनाई है।
यह पहली बार है जब प्रत्येक फसल बीजों को कृषि विकास केंद्रों की मदद से किसानों के खेतों तक परीक्षण के लिए पहुंचाया जाएगा। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि विश्वविद्यालय के फार्म हाउस के बाद जिस समय किसानों के खेतों में इन बीजों की उत्पादकता जांची जाएगी तो यह ज्यादा प्रभावशाली होगा क्योंकि किसान इन बीजों का यदि प्रयोग सफलतापूर्वक कर लेंगे तो कहीं न कहीं यह जानकारियां अन्य किसानों तक आसानी से पहुंच जाएगी और बीजों से उत्पादन सब कुछ सबकी आंखों के सामने होगा।
इसके साथ ही चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कन्नौज में बनने जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन पोटेटो के लिए आलू शोध केंद्र के लिए भी तकनीकी सहयोग देगा क्योंकि प्रतिवर्ष आलू में लगने वाले रोग पिछेती झुलसा और अगेती झुलसा के कारण किसानों की काफी फसल बर्बाद हो जाती है। इसके लिए अब विश्वविद्यालय इस समस्या के लिए भी तकनीकी सहयोग देगा।
कन्नौज में आलू शोध केंद्र के लिए जमीन चिन्हित की जा चुकी है। इस केंद्र का उद्देश्य का मुख्य उद्देश्य आलू में लगने वाले भूमिजनित रोगों से बचाने की ऐसी तकनीक इजाद करना है, जिसका प्रयोग किसानो के द्वारा खेतों में आसानी से किया जा सके। कृषि वैज्ञानिक इस शोध केंद्र में होने वाली शोध में ऐसी तकनीक की खोज करेंगे जिससे किसानों द्वारा प्रयोग किये जाने पर किसान अपनी बुवाई की शत प्रतिशत पैदावार का उत्पादन कर सके। साथ ही इस शोध केंद्र में गुणवत्तायुक्त बीज की पैदावार के अलावा उन बीजों का रखरखाव भी किया जाएगा।
Indian Council of Agricultural Research (ICAR) Chandra Shekhar Azad University of Agriculture and Technology (CSA)
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