टमाटर को सुंडी के प्रकोप से बचाएं

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टमाटर को सुंडी के प्रकोप से बचाएंटमाटर को सुंडी के प्रकोप से बचाने के लिए कोराजन का छिड़काव करे।

लवकेश शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

रायबरेली। इस बार किसानों की टमाटर की अच्छी फसल आयी है और दाम भी सही मिल रहा है, लेकिन जरा सी लापरवाही उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती है, क्योंकि इस समय टमाटर की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ जाता है।

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रायबरेली जिला मुख्यालय से लगभग 33 किलोमीटर दूर बछरावां ब्लॉक के बहादुरपुर गाँव के ज्यादातर किसान टमाटर की खेती करते हैं। गाँव के ब्रज मोहन चौधरी (59 वर्ष) पिछले दस वर्षों से टमाटर की खेती करते हैं। वो बताते हैं, “एक बीघा टमाटर की खेती में करीब 30 से 35 हजार का खर्चा आता है और भाव ठीक ठाक रहा तो करीब ड़ेढ से दो लाख तक कमा सकते हैं।”

वहीं किसानों को सचेत रहने की सलाह देते हुए शिवगढ़ ब्लॉक के खुशहाली कृषि केंद में तैनात कृषि सलाहकार गौरव सिंह बताते हैं, “फसल के अंतिम चरण में जोरई नामक रोग से बच कर रहें ये रोग प्रायः टमाटर के फल को प्रभावित करते हैं इसके कीड़े से फल में छेद हो जाता है और यदि एक फल में रोग लगा तो पूरा का पूरा गुच्छा उस रोग से प्रभावित ही जाता है।”

इससे बचने के लिए गौरव बताते हैं, “इस रोग से बचने के लिए 16 लीटर पानी मे पांच उस कोराजन मिला कर छिड़काव करते हैं। साथ ही साथ अगर एक बार ये रोग लग जाए तो ये फसल के साथ ही खत्म होता है इसके लिए किसानों को छिड़काव के 12 से 13 दिन बाद पुनः छिड़काव करना पड़ता है और ये प्रक्रिया आखिरी तक चलती रहत है।”

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