गरीबों की थाली से अब नहीं दूर होगी दाल

Ashwani NigamAshwani Nigam   2 April 2017 7:01 PM GMT

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गरीबों की थाली से अब नहीं दूर होगी दालकृषि विभाग ने जायद सीजन में मूंग और उड़द जैसी दलहनी फसलों की खेती के लिए एक लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है 

लखनऊ। देश में दालों की कमी को देखते हुए केन्द्र से लेकर राज्य सरकार तक दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं। दालों के प्रमुख सीजन रबी और खरीफ के अलावा जायद में भी किसान दलहनी फसलों को उगाकर प्रदेश को दाल के उत्पादन में अग्रणी बनाए इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने अप्रैल से शुरू हुए जायद सीजन में मूंग और उड़द जैसी दलहनी फसलों की खेती के लिए एक लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है।

यह पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है। इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि निदेशक ज्ञान सिंह ने बताया, ‘जायद सीजन में किसान मूंग और उड़द जैसी दलहनी फसलों की खेती अच्छे से कर सकें इसके लिए विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है। किसानों का सभी प्रकार की सुविधाएं भी विभाग की तरफ से दी जा रही है।’

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भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक आईपी सिंह ने बताया, ‘रबी सीजन की फसलों की कटाई फरवरी से शुरू होकर अप्रैल तक जाती है। इस बीच जो खेत खाली होते हैं उसमें मूंग और उड़द की खेती अच्छे से की जा सकती है। इस दौरान दिन बड़े होते हैं, ऐसे में 70 से 80 दिन में फसल तैयार भी हो जाती है।’

उत्तर प्रदेश में जायद अभियान 2016 में सबसे ज्यादा उड़द और मूंग की खेती कानपुर देहात मंडल में हुई थी। यहां पर मूंग की खेती 21 हजार 409 हेक्टेयर में हुई थी जबकि उड़द की खेती आठ हजार 755 हेक्टेयर में हुई थी। प्रदेश में 18 मंडलों में से सबसे कम मूंग की खेती मुरादाबाद मंडल में हुई थी वहां पर मात्र 62 हेक्टेयर में ही मूंग की खेती हुई थी। सबसे कम उड़द की खेती झांसी मंडल में हुई थी। वहां पर मात्र पांच हेक्टेयर में हुई थी।

ऐसे में सरकार ने इस बार इन जिन मंडलों में पिछले सीजन में कम बुवाई हुई थी उसमें बुवाई का लक्ष्य बढ़ाने का फैसला किया है। उड़द और मूंग की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इसकी फसल में सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है। अगर सितंबर महीने तक फलियां बनते समय बारिश न हो तभी हल्की सिंचाई की जाती है। इस फसल के लिए भारी बारिश जलजमाव ठीक नहीं होता इसलिए इससे बचने की सलाह दी जाती है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने अपने सभी जिला कृषि अधिकारियों के माध्यम से जिलों में जायद में दलहन की खेती को लेकर अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है।

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