इस यंत्र से अब किसान कर सकेंगे अनाज का केमिकल फ्री भंडारण 

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इस यंत्र से अब किसान कर सकेंगे अनाज का केमिकल फ्री भंडारण यंत्र।

मानवेन्द्र सिंह, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

सीतापुर। गेहूं की कटाई के बाद किसान भंडारण शुरू कर देते हैं। ज्यादातर किसान रसायनिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं। ऐसे में ‘प्रोब और पिट फॉल ट्रैप’ का इस्तेमाल कर किसान रसायनमुक्त भंडारण कर सकते हैं।

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कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया सीतापुर के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव बताते हैं, “अनाज, दलहनों को सुरक्षित और रसायन रहित भंडारण के लिए प्रोब ट्रैप और पिट फॉल ट्रैप का अनुसंधान में परीक्षण किया गया है। इसके जरिए किसान अपनी फसल को बिना किसी रसायन के सालभर सुरक्षित रख सकते हैं।” उन्होंने बताया कि यह यंत्र हवा की तकनीक पर काम करता है। इसमें कोई भी पदार्थ नहीं मिलाया जाता है।

किसान इसे एक बार खरीदकर कई साल तक अपने अनाज का सुरक्षित भंडारण कर सकता है। एक कुंतल अनाज भंडारण के लिए वार प्रोब ट्रैप की जरूरत होती है। जिसे हम बखारी या बोरे में सीधे अलग-अलग दिशा में डालकर छोड़ देते हैं। अनाज के वयस्क कीट भोजन की तलाश में ट्रैप में जाते हैं और फंस जाते हैं। बाद में खाने की कमी से मर जाते हैं। ऐसे ही पिट फॉल ट्रैप तिकोने आकार का प्लास्टिक का यंत्र होता है। ये भी प्रोब ट्रैप की तरह ही काम करता है।

क्या कहते हैं किसान?

घूरीपुर गाँव के किसान अशोक मिश्रा बताते हैं, “मैंने पिछले साल कृषि विज्ञान केन्द्र के मार्गदर्शन पर अपने गेहूं और धान में प्रोब ट्रैप का उपयोग किया था, जिसका मुझे बहुत लाभ मिला। मेरा अनाज सुरक्षित रहा वो भी बिना किसी रसायन के।” भुईला खुर्द गाँव के रामसेवक वर्मा ने कहा, “मैंने धान और अरहर की फसल में प्रोब ट्रैप और पिट फाल ट्रैप का उपयोग किया था, जिससे बिना रसायन मेरा अनाज सुरक्षित रहा। यह बहुत ही आसान तरीका है।”

क्या है प्रोब और पिट फॉल ट्रैप?

प्रोब ट्रैप स्टील और प्लास्टिक का 10 इंच लंबा यंत्र होता है। इस यंत्र के बीच-बीच में छिद्र बने होते हैं। यह यंत्र अनाज वर्गीय फसलों जैसे धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, सांवां, कोदो और बाकी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें कीट जाल में फंस जाते हैं।

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