लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 1700 रुपए प्रति कुंतल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी होगी। मंगलवार को आयेजित मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर सहमति बनी। सरकारी केंद्रों पर इसकी खरीदी 15 नवंबर से शुरू होगी जो 15 जनवरी तक चलेगी।
प्रदेश में अभी तक गेहूं और धान की खरीदी ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होती थी। केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार से मोटे अनाज की खरीद करने के लिए कहा था। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस साल मोटा अनाज खरीदने का फैसला लिया है।
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राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस वर्ष सरकार एक लाख मीट्रिक टन मक्का खरीदेगी। यह योजना मक्का की खेती वाले 20 जिलों में लागू होगी लेकिन, अगर किसी जिले में इसकी खेती की संस्तुति खाद्य आयुक्त द्वारा की जाएगी तो उसे भी लाभ के लिए चयनित किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रक्रिया 24 अक्टूबर से ही शुरू की गई और इसके लिए बुनियादी तैयारी कर ली गई है। इस योजना पर 214.09 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मक्का खरीद अलीगढ़, फीरोजाबाद, कन्नौज, एटा, मैनपुरी, कासगंज, बदायूं, बहराइच, फर्रुखाबाद, इटावा, हरदोई, कानपुर नगर, जौनपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, गोंडा, बलिया, बुलंदशहर, ललितपुर व श्रावस्ती में की जाएगी। अन्य जिलों में आवक के दृष्टिगत खाद्य आयुक्त द्वारा मक्का खरीद का निर्णय लिया जाएगा।
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खरीदे गए मक्के का भण्डारण स्टेट पूल में होगा। मोटे अनाज के लिए खरीद केन्द्रों का चयन जिलाधिकारी करेंगे। खरीद वो सभी सरकारी खरीद एजेंसियां करेंगी जो गेहूं और धान खरीदती हैं। पहली बार मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1700 रुपए घोषित किया गया है जबकि उतराई-छनाई के लिए भी किसानों को प्रति क्विंटल 20 रुपए मिलेंगे।