घटिया बीज फिर खरीदेंगे किसान, यूपी में नहीं हो पाई अब तक जांच

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घटिया बीज फिर खरीदेंगे किसान, यूपी में नहीं हो पाई अब तक जांचविभाग की लापरवाही पर कृषि मंत्री ने नाराजगी जताई 

लखनऊ। खरीफ की बुवाई के लिए खेतों की तैयारी करने में किसान जुटे हुए हैं। किसान इस सीजन की मुख्य फसलों धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, अरहर, तिल, सोयाबीन और मूंगफली के बीजों को बीज दुकानों से खरीदना शुरू करेंगे, लेकिन चिंता की बात यह है कि किसान कहीं नकली बीज खरीदकर ठग न लिए जाएं।

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उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की तरफ से किसानों को प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेशभर में जिन 28264 दुकानदारों और 700 कंपनियों को बीज बेचने का लाइसेंस दिया गया है, वहां पर बिकने वाला बीज सही है या नहीं इसकी अभी तक जांच ही नहीं हो पाई है। खरीफ सीजन के लिए जिन बीजों को बेचा जाना है उसमें से अभी तक मात्र 42 सैंपल ही लिए गए हैं। कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों ने खुद इसे स्वीकार किया है। जिस पर नाराजगी जताते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने धान समेत सभी बीजों के सैंपल लेने की वर्तमान ढीली प्रक्रिया पर जताई है।

जिला कृषि अधिकारी और संयुक्त उप निदेशक पर है सैंपलिंग की जिम्मेदारी

ऐसे में किसान जो बीज इन दुकानों से खरीदेंगे उसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक ज्ञान सिंह ने बताया, ‘जिला कृषि अधिकारी और संयुक्त कृषि निदेशक को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बीज विक्रय करने वाली दुकानों से बीजों का सैंपल लेकर 10 मई तक जांच कराएं।’ लेकिन बड़ा सवाल कि क्या इतने कम समय में कृषि विभाग बीजों के नमूनों का एकत्रित करके जांच करा पाएगा।

जिला कृषि अधिकारी और संयुक्त कृषि निदेशक को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बीज विक्रय करने वाली दुकानों से बीजों का सैंपल लेकर 10 मई तक जांच कराएं।
ज्ञान सिंह, कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में किसान उच्च गुणवत्ता वाले बीज की बुवाई करके अच्छी उपज पा सकें इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग में बीज गुणवत्ता नियंत्रण विभाग बनाया गया है। इस विभाग काम है कि विभाग की तरफ से जिन दुकानों और कंपनियों को बीज देने का लाइसेंस दिया गया है वहां समय-समय पर बीजों के नमूनों को लेकर प्रयोगशाला में उसकी गुणवत्ता की जांच कराएं। बीज विक्रय करने वाली जिस भी दुकान पर बीजों की गुणवत्ता में कमी मिले उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए उसका लाइसेंस रद्द करे।

कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में गुणवत्तायुक्त बीजों का महत्वपूर्ण स्थान है। बीज एक ऐसा निवेश है जिससे कृषि उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है। ऐेसे में उत्तर प्रदेश के किसानों का गुणवत्ता का बीज सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण विभाग की तरफ से बीज बेचने वाली निजी कंपनियों से बीज के नमूने को लेकर बीज प्रयोगशालाओं में भेजा जाता था।

उत्तर प्रदेश में किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ओर उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के जरिए लाइसेंसधारी निजी बीज विक्रय केंद्रों से किसानों को बीज बेचा जाता है लेकिन बीज विक्रय करने वाली निजी कंपनियां और दुकानदार बाहर से बीज खरीदकर बीज प्रमाणीकरण संस्था के निरीक्षकों की मदद से बीज की जांच किए बिना ही बीज प्रमाणित है इसका प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं।

यूपी समेत कई राज्यों में इन दिनों धान की नर्सरी तैयार करने की तैयारियां हो रही हैं।

अच्छे बीज नहीं मिलने के किसानों को होता है लाखों रुपए का नुकसान

कृषि विभाग के बीज गुणवत्ता नियंत्रण विभाग की तरफ से सैंपलिंग नहीं होने के कारण यह लोग आसानी से घटिया बीज भी किसानों को बेच देते हैं। नियम है कि रबी, जायद और खरीफ सीजन शुरू होते ही बीज बेचने वाली दुकानों पर बीज की गुणवत्ता की जांच के लिए अभियान चलाया जाए। हर दुकान से हर बीज का सैंपल लेकर उसकी प्रयोगशाला में जांच कराकर प्रमाणपत्र जारी किया जाए लेकिन बीज बेचने वाले दुकानदारों और बीज की जांच के लिए नमूने एकत्रित करने वाले कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से घटिया बीज बिक रहे हैं।

कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में गुणवत्तायुक्त बीजों का महत्वपूर्ण स्थान है। बीज एक ऐसा निवेश है जिससे कृषि उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है। ऐेसे में उत्तर प्रदेश के किसानों का गुणवत्ता का बीज सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण विभाग की तरफ से बीज बेचने वाली निजी कंपनियों से बीज के नमूने को लेकर बीज प्रयोगशालाओं में भेजा जाता था।

नकली बीज बेचने पर जेल और जुर्माने का है प्रावधान

वहां पर अगर बीज के गुणवत्ता में कमी पाई गई तो बीज विक्रेता के खिलाफ वस्तु अधिनियम 1955 की धारा-3‍/7 के अंतगर्त विधिक कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में उप कृषि निदेशक शोध, संभागीय कृषि परीक्षण केन्द्र बाराबंकी, मथुरा, हरदोई, वाराणसी, झांसी, आजमगढ़, मेरठ, इटावा और बरेली स्थित प्रयोगशालाओं में बीज का परीक्षण किया जाता है।

           

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