मौसम का उतार-चढ़ाव गेहूं के लिए प्रतिकूल
Ashwani Nigam 16 March 2017 4:47 PM GMT

अश्वनी कुमार निगम
लखनऊ। दिन में तेज धूप और बढ़ती गर्मी, वहीं शाम होते ही गिरता पारा और सर्द हवा। मौसम का यह मिजाज आम लोगों की सेहत के साथ ही खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के लिये भी चिंताजनक है। ऐसे में सालों बाद पिछले एक सप्ताह से मौसम की इस आंख मिचौली ने किसानों के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें ला दी हैं।
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नरेन्द्र देव कृषि और प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय फैजाबाद के एग्रीकल्चर मेट्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एके सिंह ने बताया ‘’ इस समय न्यूतनत तापमान 8 से 12 और अधिकतम तापमान 28 से 33 सेल्सियस चल रहा है। इस समय गेहूं की बालियों में दाने पक रहे हैं। ऐसे में तापमान में वृद्धि से गेहूं के दानों पर असर पड़ेगा। दाने छोटे हो जाएंगे। ‘’ उन्होंने यह भी बताया कि मार्च में तापमान में गिरावट से गेहूं की पौधे पर बहुत असर नहीं पड़ता, लेकिन तापमान बढ़ना घातक होता है। मार्च में 18 से लेकर 20 डिग्री तापमान रहने से गेहूं के लिए अच्छा है।
देखने में यह आ रहा है कि गेहूं की हरी-भरी बालियों के बीच गेहूं सफेद होकर पकने लगा है। यह बढ़ते तापमान का नतीजा है। गेहूं की फसल 20 से लेकर 25 अप्रैल तक पकती है, लेकिन मौसम में बदलाव के कारण यह मार्च में ही पक जा रही है। अगले एक सप्ताह तक अगर मौसम ऐसा ही रहा तो गेहूं पर असर पड़ेगा।रतन तिवारी, प्रधान वैज्ञानिक, गेहूं अनुंसधान संस्थान
इसमें गेहूं के पौधे के लिए जो तापमान चाहिए, वह भी मिल जाता है और बालियों में दानों को पकने के लिए जो गर्मी चाहिए, उतनी गर्मी मिल भी जाती है। गेहूं अनुंसधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक रतन तिवारी ने बताया ‘’ तापमान बढ़ने से गेहूं की बालियां जल्दी पक जाएंगी, जिससे दाने की गुणवत्ता खराब होने के साथ ही उत्पादन भी घटेगा। ‘’ उन्होंने बताया देखने में यह आ रहा है कि गेहूं की हरी-भरी बालियों के बीच गेहूं सफेद होकर पकने लगा है।
यह बढ़ते तापमान का नतीजा है। वहीं, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की मौसम आधारित रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी में तापमान गेहूं की फसल के लिए बहुत अनुकूल रहा है, लेकिन मार्च शुरू होते ही मौसम में तेजी से बदलाव देखने का मिला। जिसमें तापमान का बढ़ना और घटना जारी है। अगले एक सप्ताह तक अगर मौसम ऐसा ही रहा तो गेहूं पर असर पड़ेगा। गेहूं की फसल 20 से लेकर 25 अप्रैल तक पकती है, लेकिन मौसम में बदलाव के कारण यह मार्च में ही पक जा रही है।
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