गेहूं की सिंचाई की तैयारी में लगे किसान कमल कुमार कंबोज के व्हाट्सएप पर मैसेज आता है कि अगले दो दिनों में बारिश होने वाली है। कमल कुमार का सिंचाई का खर्च बच गया, ये पहली बार नहीं था जब कमल कुमार को जानकारी मिली हो। अब तो कमल कुमार जैसे बहुत से किसानों को खेती में कब क्या करना है, आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा ऐसी बहुत सी जानकारियां व्हाट्सएप ग्रुप में मिल जाती हैं।
किसान कमल कुमार कंबोज (43 वर्ष) हरियाणा के करनाल जिले के नबीपुर गांव के रहने वाले हैं। करनाल जिले में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के कृषि विज्ञान केंद्र, करनाल के कई सारे व्हाट्सएप ग्रुप संचालित हो रहे हैं, इन ग्रुप में किसानों को खेती-किसानी, पशुपालन जैसी बहुत सी जानकारियां मिलती रहती हैं।
कमल कुमार कंबोज गांव कनेक्शन से बताते हैं, “केवीके से खेती के साथ ही मौसम की जानकारी भी मिलती रहती है, कई बार केवीके की मदद से मैं खर्च से बच गया हूं, अभी कुछ दिन पहले की बात है, तीन दिनों तक मौसम में बदलाव आया था, व्हाट्सएप ग्रुप में पहले ही मौसम की जानकारी का मैसेज आ गया था, लेकिन फिर भी मैंने फोन करके पूछा कि तेज हवाएं चल रहीं हैं, ऐसा न हो कि गेहूं की बालियां सूख जाएं उन्होंने कि आप निश्चिंत रहिए मौसम सही रहेगा ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, हम कई बार केवीके की जानकारी के हिसाब से सिंचाई करते हैं।”
कमल कुमार की तरह दबरी गांव के किसान गुरबाज सिंह (40 वर्ष) भी कृषि विज्ञान केंद्र के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं। गुरबाज सिंह बताते हैं, “खेती की कोई भी तकनीक आती है, हमें ग्रुप में सारी जानकारी मिल जाती है, ग्रुप में कृषि विज्ञान केंद्र के साथ ही एनडीआरआई के भी वैज्ञानिक जुड़े हुए हैं। मैं खेती के साथ ही पशुपालन भी करता हूं, इससे बहुत मदद मिल जाती है।”
करनाल जिले में असंध, करनाल, मुनक, नीलोखेड़ी, निसिंग, कुंजपुरा, इंद्री और घरौंदा जैसे आठ ब्लॉकों के 28 वहाटसएप ग्रुप से दो हजार से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के ग्रामीण मौसम सेवा केंद्र के विषय विशेषज्ञ डॉ योगेश गुज्जर गांव कनेक्शन से बताते हैं, “हम किसानों को ब्लॉक के हिसाब से मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार सुझाव देते हैं, जिसमें हम बताते हैं कि आने वाले पांच दिनों में कैसा मौसम होगा। हर मंगलवार और शुक्रवार को हम मौसम पूर्वानुमान किसानों को भेजते हैं। इसमें हमारी एक वैज्ञानिकों की एडवायजरी कमेटी है, जिसमें कृषि, पशुपालन, मछली पालन जैसे अलग अलग विशेषज्ञ हैं, जिनसे हम सलाह लेते हैं कि अगर आने पांच दिनों में बारिश होती है, या फिर ओले पड़ने वाले हैं तो खेती बाड़ी या फिर पशुपालन में किसान क्या करके नुकसान से बच सकते हैं।”
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारत मौसम विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान केंद्रों पर ग्रामीण कृषि मौसम सेवा का संचालन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से ब्लॉक स्तरीय कृषि मौसम सलाह दी जाती है। कृषि मौसम सेवा योजना से किसानों तक मौसम की पूर्व जानकारी प्रिट, विजुअल, रेडियो, व्हाट्सएप्प, फेसबुक और ट़वीटर के माध्यम से सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार दी जाती है।
वो आगे कहते हैं, “सभी विशेषज्ञों के इनपुट लेकर हम कृषि मौसम सलाह परामर्श पत्र तैयार करते हैं। फिर इसे टवीटर, फेसबुक, इंटाग्राम और व्हाट़सएव ग्रुप में शेयर करते हैं कि करनाल के आठ ब्लॉक में कैसा मौसम रहेगा, ऐसे में खेती, मछली पालन, मधुमक्खी, पशुपालन करने वाले किसान क्या कर सकते हैं। हमारे 28 व्हाटसएप ग्रुप में किसानों के साथ ही कृषि, पशुपालन, मछली पालन जैसे कई विभागों के अधिकारी भी जुड़े हुए हैं, उन तक भी जानकारी मिल जाती है।”
कृषि विज्ञान केंद्र, करनाल द्वारा, मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत करनाल जिले के किसानों के लिए जारी 20.02.2021 से 24.02.2021 तक उपयोगी मौसम आधारित कृषि एवं पशु पालन संबंधी परामर्श पत्र।@ATARIJodhpur@NDRI_Karnal pic.twitter.com/kK1HWdy744
— कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल, आधिकारिक अकाउंट (@KarnalKvk) February 20, 2021
“अभी जैसे फरवरी में तापमान बढ़ गया था तो हमने एडवायजरी भेज दी की गेहूं की खेती करने वाले किसान क्या करें। साथ मौसम के बदलाव की वजह से सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई की सलाह दी गई, “डॉ योगेश ने आगे कहा।