नीदरलैंड के सहयोग से उत्तर प्रदेश में बढ़ेगा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग

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नीदरलैंड के सहयोग से उत्तर प्रदेश में बढ़ेगा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगफोटो साभार: इंटरनेट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाली फल-सब्जियां और डेयरी उत्पाद दुनिया के बाजारों में पहुंच सकें, इसमें नीदरलैंड सहयोग करने जा रहा है। नीदरलैण्ड के राजदूत अल्फोन्सुस स्तुलाएंगा ने कहा, ''नीदरलैण्ड डेरी, आलू, टमाटर और गन्ना सेक्टर में आधुनिक तकनीक के जरिए से सहयोग देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने में उत्तर प्रदेश का सहयोग कर सकता है।''

किसानों की आमदनी बढ़ाने पर रणनीति पर हुई चर्चा

नीदरलैंड के राजदूत ने आगे कहा, “विभिन्न क्षेत्रों में प्रसंस्करण की तकनीक अपनाकर कम सिंचाई के साधन और लागत से कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।“ मंगलवार को लखनऊ के बहुखण्डी भवन में नीदरलैण्ड के राजदूत अल्फोन्सुस स्तुलाएंगा के नेतृत्व में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह के साथ 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाए जाने से संबंधित विभिन्न रणनीति पर चर्चा हुई।

लखनऊ के बहुखण्डी भवन में नीदरलैण्ड के राजदूत अल्फोन्सुस स्तुलाएंगा के नेतृत्व में बैठक करते प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह।

इनमें प्रसंस्करण की असीमित संभावनाएं

इस अवसर पर अल्फोन्सुस स्तुलाएंगा ने कहा, “उत्तर प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। यहां विकास के लिए सभी आवश्यक संभावनाएं मौजूद हैं। नीदरलैण्ड के तकनीकी विशेषज्ञ सहयोग देकर उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।“ उन्होंने आगे कहा, “दुग्ध, मछली, कुक्कुट और आलू उत्पादन में प्रसंस्करण की असीमित संभावनाएं हैं। किसानों की आमदनी दोगुना करने में इनका बड़ा योगदान हो सकता है।“

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कर सकती है मजबूत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले नीदरलैण्ड के राजदूत अल्फोन्सुस स्तुलाएंगा।

राजदूत ने आगे कहा, “नीदरलैण्ड एक छोटा सा देश है, लेकिन प्रसंस्करण इकाईयों के माध्यम से कृषि सेक्टर को लाभकारी बनाया है। नीदरलैण्ड की कंपनियां कृषि सेक्टर खासतौर से आलू और गन्ना उत्पादन के सही तरीके की जानकारी देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती हैं।“

यूपी की दो तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर

इस बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह ने प्रतिनिधि मण्डल का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का बड़ा राज्य है। यहां की दो तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। देश की प्रगति में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तर प्रदेश को देश का सर्वाधिक विकसित प्रदेश बनाने के लिए अगले 5 वर्षों में किसानों की आमदनी दोगना करने के लिए कृषि सेक्टर को प्राथमिकता दी जा रही है।

उत्पादन बढ़ाने पर दे रहा जोर

कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों की आमदनी बढ़ाने में नीदरलैण्ड के राजदूत और प्रतिनिधि मण्डल में शामिल विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से डेयरी, गन्ना और आलू के क्षेत्रों में सहयोग और सुझाव देने को कहा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने बताया, “कृषि विभाग कृषि शोध केन्द्रों और कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से कृषि सेक्टर में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है।“

अधिक उत्पादन की संभावनाएं तलाशेंगे

प्रमुख सचिव पशुपालन सुधीर एम बोबड़े ने बताया, “डेरी और पोल्ट्री के क्षेत्र में भारत-नीदरलैंड दोनों देश एक दूसरे के सहयोग से अधिक उत्पादन की संभावनाएं तलाशेंगे।“ वहीं, गन्ना विभाग के आयुक्त और प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गन्ने की पैदावार बहुत ज्यादा होती है। गन्ना सेक्टर में नीदरलैण्ड सहयोग से मिलकर काम किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के किसान सक्षम

इस अवसर पर उद्यान विभाग के निदेशक सीपी जोशी ने बताया, “विश्व के कुल आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश का दो प्रतिशत योगदान है। यहां से आंवला, आम और केला का निर्यात किया जा रहा है। नीदरलैण्ड जिस प्रकार का आलू चाहे उत्तर प्रदेश के किसान उस तरह के आलू पैदा करने में सक्षम हैं।“ पशुपालन निदेशक डा. चरण सिंह यादव बताते हैं, “उत्तर प्रदेश में लगभग 5 करोड़ पशुधन है। लगभग 25 लाख अण्डे प्रतिदिन उत्पादित किए जाते हैं। पशुओं में उत्पादन क्षमता बनाए रखने और विभिन्न रोगों से सुरक्षित करने के लिए लगभग 4 करोड़ पशुओं को टीकाकरण किया गया है। ऐसे में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए नीदरलैण्ड डेरी सेक्टर में सहयोग प्रदान कर सकता है।“

नीदरलैंड के राजदूत के साथ आए प्रतिनिधि मण्डल में नीदरलैण्ड के उप राजदूत डोमिनिक कुहलिंग के अलावा आनरेरी कन्सूल नीदरलैण्ड शरद थडानी, वरिष्ठ अर्थशास्त्री, माया आचार्य, डिप्टी काउसिंलर एग्रीकल्चर आनन्दन कृष्णनन, डा. लीयन हुसैन और कई वरिष्ठ लोग थे।

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