पशुपालन में नारी शक्ति के कई रूप 

Diti BajpaiDiti Bajpai   29 Sep 2017 8:45 PM GMT

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पशुपालन में नारी शक्ति के कई रूप पशुपालन के क्षेत्र मे महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।

शारदीय नवरात्र के त्योहार में नारी शक्ति के बारे में सोचना स्वाभाविक है। पशुपालन के क्षेत्र में नारी शक्ति के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए आजकल बहुत सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं महिला सशक्तिकरण और गरीबी को मिटाने के क्षेत्र में काम कर रही हैं।

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पशुपालकों के घर पर बेटी, युवा और बुजुर्ग महिला कर रही पशुओं की देखरेख का काम ।

अपने अनुभवों के अनुसार मैंने ये देखा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर गरीब, निम्न एवं मध्यम वर्ग के पशुपालकों के घर पर बेटी, युवा और बुजुर्ग महिलाएं पशुओं की देखरेख का काम देखती हैं। जैसा की हम सभी जानते हैं कि नवरात्रि में देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है। माँ के विभिन्न रूपों में दुर्गा जी की प्रार्थना शक्ति के लिए, लक्ष्मी जी की पूजा धनधान्य एवं समृद्धि के लिए तथा माँ सरस्वती की पूजा विद्या एवं विवेक के लिए होती है। इसी प्रकार नारी शक्ति भी पशुपालन के क्षेत्र में काम करती है

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महिलाएं पशुपालन में बड़े ध्यान से सीखने की कोशिश करती हैं।

  • महिलाएं पशुपालन से अर्जित धन एवं पशुउत्पादों का उचित उपयोग करते हुए घर के बच्चों, युवा एवं वृद्धावस्था के स्वस्थ को बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जिससे की परिवार को शक्ति मिलती है।
  • विभिन्न संस्थाओं ने अपनी शोध में ये बताया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के द्वारा पशुपालन में अर्जित धन का सम्पूर्ण सदुपयोग घर में किया जाता है, जिससे की घर में समृद्धि आती है।
  • प्रायः ये देखा गया है की महिलाएं पशुपालन में बड़े ध्यान से सीखने की कोशिश करती हैं और हमेशा पशुओं को स्वस्थ रखने में तथा उत्पादन बढ़ाने में सतत प्रयासरत रहती हैं।

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पशुओं को स्वास्थ्य रखने में तथा उत्पादन बढ़ाने में सतत प्रयासरत रहती महिलाएं।

आप इस चित्रों के संकलन में स्वाभाविक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और सभी प्रकार के पशुओं के पालन में सम्बन्ध देख सकते हैं और ये सम्बन्ध जीवन काल के किसी विशेष अवधि में नहीं वरन ये बाल्यावस्था से वृद्धावस्था तक हमेशा रहता है।

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महिलाओं के द्वारा पशुपालन में अर्जित धन का सम्पूर्ण सदुपयोग घर में किया जाता है।

वैसे तो सभी लोग ये जानते है महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है ग्रामीण पशुपालन में परन्तु क्या पशुपालन के क्षेत्र में तकनीकी, उत्पाद एवं सेवा को बनाते हुए हम महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते है ?

        

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