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कमाल का आविष्कार, मात्र 50 हजार रुपए में बिजली से जिंदगी भर रोशन हो सकेगा गाँव का हर घर

केरल

लखनऊ। भारत में आज भी कई गाँव ऐसे हैं, जहां बिजली अब तक नहीं पहुंच सकी है। इन गाँवों में लोग आज भी लालटेन और दिये की रोशनी में जीवन गुजरबसर कर रहे हैं। इन गाँवों के ग्रामीणों ने वर्षों से अपने गाँवों में बिजली की रोशनी तक नहीं देखी है। मगर केरल के रहने वाले दो भाईयों ने एक ऐसा आविष्कार किया है, जिससे गाँव-गाँव तक बहुत ही कम लागत में न सिर्फ बिजली पहुंच सकेगी, बल्कि गाँव के लोग जिंदगी भर तक अपने घर को रोशन रख सकेंगे। आईये आज आपको बताते हैं कि केरल के इन दोनों भाईयों के इस अद्भुत आविष्कार के बारे में।

भारत जैसे देश के लिए बहुत उपयोगी खोज

असल में, केरल के रहने वाले अवंत गर्दे इनोवेंशस के संस्थापक अरुण और अनूप जॉर्ज ने बेहद कम लागत में एक ऐसी पवन चक्की विकसित की है, जिससे बिजली उत्पन्न की जा सकती है। कमाल की बात यह है कि इस पवन चक्की के जरिये न सिर्फ आपके पूरे घर को बिजली मिल सकेगी, बल्कि इस पवन चक्की से जिंदगी भर आपके घर को रोशनी मिल सकती है। ऐसे में यह खोज भारत जैसे देश के लिए काफी उपयोग साबित हो सकती है।

पवन चक्की की लागत सिर्फ 50,000 रुपये तक

केरल के दो भाईयों ने बेहद कम लागत में बनाई पवन चक्की।

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यह पवन चक्की एक पंखे के साइज के बराबर है और इस पवन चक्की की कीमत 750 अमेरिकी डॉलर यानी मात्र 50,000 रुपये तक है। यानी इस उपकरण को लेने के लिए आपको मात्र 50,000 रुपये तक धनराशि खर्च करनी होगी। असल में यह पवन चक्की रोजाना 3 से 5 किलोवाट प्रति घंटा बिजली पैदा करती है। एक तरह से देखा जाए तो जीवनभर की बिजली के लिए यह कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है। दोनों भाईयों का कहना है कि इससे पारिस्थितिक संतुलन पर भी असर नहीं पड़ेगा।

हम देश के बिजली संकट को बनाना चाहते हैं अतीत

एक अंग्रेजी वेबसाइट से साक्षात्कार के दौरान दोनों भाईयों ने बताया कि हम देश के बिजली संकट को अतीत बनाना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य ऊर्जा गरीबी को खत्म करने के साथ संघर्ष कर रहे राज्यों के पावर ग्रिड पर निर्भरता को कम करना और जरूरतमंदों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।

इसलिए अंतर रखता है महत्व

अरुण जॉर्ज की मानें तो जब एक छोटी पवन चक्की एक किलोवाट ऊर्जा उत्पन्न करती है तो इसका खर्च करीब 3 से 7 लाख रुपये आता है। मगर इस पवन चक्की को लेने के लिए आपको सिर्फ 50,000 रुपये की धनराशि ही खर्च करनी होगी। ऐसे में निश्चित रूप से जीवन भर आपको बिजली देने के लिए इस उपकरण की कीमत ज्यादा नहीं है।

तब रोशन होगा देश का हर गाँव

तब अंधेरे में नहीं पढ़ेंगे गाँव के बच्चे।

फिलहाल यह पवन चक्की बाजार में अभी लांच नहीं की गई है, लेकिन बहुत ही जल्द इसे मार्केट में लांच किये जाने की उम्मीद की जा रही है। केरल के इन दोनों भाईयों की खोज पर अगर सरकार अमल करती है तो पूरे देश को बिजली मिल सकती है। फिलहाल सरकार इस दिशा में अभी विचार कर रही है।

सिंचाई के लिए कमाल का है यह बर्षा पंप, न बिजली की जरूरत और न ही ईंधन की

क्या है भारत की स्थिति

ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल की मानें तो भारत वैश्विक पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के मामले में चीन, अमेरिका और जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर आता है।

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