इस बार नई दिल्ली में विश्व जैविक एक्सपो-2018 की तैयारी की जा रही है। इसमें दुनियाभर के कई कृषि वैज्ञानिक भी शामिल होने जा रहे हैं।
जैविक खेती को लेकर किसानों में जागरुकता बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर माह में नोएडा में जैविक कृषि विश्व कुंभ का आयोजन किया था। यह पहला मौका था जब भारत में जैविक उत्पादों का इतना बड़ा मेला लगा था और भारत ने इसकी मेजबानी की थी।
अब नई दिल्ली के प्रगति मैदान में यह विश्व जैविक एक्सपो-2018 आगामी 27 से 29 जुलाई तक लगाया जा रहा है। इसमें भारत सरकार के कई विभाग सहभागिता निभा रहे हैं।
जैविक उत्पाद की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उस अनुपात में भारत में जैविक खेती नहीं होने से जितने जैविक अनाज, सब्जियां, गन्ना, चाय, कॉफी, मसाले और मेवे की जरुरत है, उतने पैदा नहीं हो पा रहे हैं।
ऐसे में किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस विश्व जैविक एक्सपो-2018 के बारे में कार्यक्रम आयोजक बलविंदर सिंह गाँव कनेक्शन से फोन पर बताते हैं, “यह भारत के किसानों के लिए जैविक खेती सीखने और अपने जैविक उत्पाद की मार्केटिंग कैसे की जाए, जानने का बड़ा मौका होगा।”
उन्होंने बताया, “इसमें आसपास के देशों से भी कई कृषि वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं, जो अपने जैविक उत्पाद यहां प्रदर्शित करेंगे, इसके अलावा देश में 28 राज्यों के जैविक किसान इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं, जो अपने जैविक उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। इतना ही नहीं, कृषि से जुड़े कई आधुनिक यंत्र भी यहां प्रदर्शित किए जाएंगे। यह देश के किसानों के लिए जैविक खेती के बारे में जानने के लिए सुनहरा मौका होगा।“
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