कहीं आपका बच्चा इन फर्ज़ी इंजीनियरिंग कॉलेजों में तो नहीं पढ़ रहा
गाँव कनेक्शन 9 July 2016 5:30 AM GMT
कानपुर। ज़िले में इंजीनियरिंग कॉलेजों की भरमार है। शिक्षा की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए 25 फीसदी से कम प्रवेश वाले इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होंगे। पूल क्लोजर का विकल्प देकर इन इंजीनियरिंग कॉलेजों को अगले सत्र से पहले बंद किया जाएगा ताकि प्रदेश की तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता को सुधारकर इंजीनियरिंग कॉलेज को चलाया जा सके। ऐसे में 200 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने की कगार पर हैं।
एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) पहले ही प्रदेश के 14 तकनीकी संस्थानों पर ताला लगा चुका है। यूपीएसईई (उत्तर प्रदेश स्टेट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) की पहली काउंसिलिंग के परिणाम को देखते हुए एकेटीयू (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय) परिसर में एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई।
इसमे मंत्री प्राविधिक शिक्षा फरीद महमूद किदवई, प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा मुकुल सिंघल और कुलपति प्रो. विनय पाठक के साथ ही एचबीटीआई के निदेशक प्रों. डीबी शॉक्यवार भी पहुंचे। बैठक में प्रदेश में चल रहे 611 तकनीकी संस्थानों पर मंथन हुआ। इसमे बढ़ते तकनीकी संस्थान और इसमे कम होते छात्र-छात्रओं को लेकर विचार-विमर्श हुआ। कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया, “तकनीकी संस्थान में लगातार प्रवेश कम हो रहे हैं। ऐसे में 25 फीसदी से कम प्रवेश वाले तकनीकी संस्थानों को अगले सत्र से बंद कराया जाएगा। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। पूल क्लोजर व्यवस्था का विकल्प दिया जाएगा। एडवाइजरी कमेटी ने संस्तुति दे दी है।”
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