खंडहर नहीं ये एएनएम सेंटर है

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खंडहर नहीं ये एएनएम सेंटर हैgaonconnection

खरवई (प्रतापगढ़)। स्वास्थ्य सेवाओं को गाँवों में बेहतर तरीके से पहुंचाने के लिए जगह-जगह पर एएनएम सेंटर (उप-स्वास्थ्य केन्द्र) बनाए गए हैं, लेकिन देखरेख के आभाव में ये खंडहर हो गए हैं, जबकि इन एएनएम सेंटर पर एएनएम की तैनाती भी है।

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय लगभग 25 किमी. दूर मानधाता ब्लॉक के खरवई ग्राम पंचायत में साल 2006 में लाखों की लागत से उपस्वास्थ्य केन्द्र (एएनएम सेन्टर) बनाया गया था। कुछ साल तो एएनएम आती रहीं लेकिन अब नहीं आती हैं। एएनएम के न आने से केन्द्र की खंडहर बन गया।

खरवई गाँव के धर्मेन्द्र सिंह (40 वर्ष) बताते हैं, “एएनएम कुछ ही महीने यहां रही होंगी, उसके बाद चली गईं। अब कोई भी काम होता है, तो प्राथमिक विद्यालय में किया जाता है।” 

एएनएम सेंटर में गर्भवती महिलाओं के प्रसव कराने से लेकर उनके टीकाकरण तक की सुविधा दी जाती है, लेकिन एएनएम के आए दिन गायब रहने के चलते अधिकांश महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है। स्थिति यह हो गई है कि ग्रामीण इलाकों में एएनएम जाती ही नहीं, जाती भी हैं तो खानापूर्ति करते हुए गर्भवती महिलाओं का इलाज करने की बजाय उन्हें जिला अस्पताल में भेज देती हैं।

इस बारे में खरवई गाँव की आशा बहू माधुरी सिंह (50 वर्ष) कहती हैं, “जब तक गाँवों में आशा बहुएं नहीं बनायी गई थीं, तभी तक एएनएम सही से काम करती थीं। अब तो महीनों तक गाँव में नहीं आती हैं, हमारे जिम्मेदारी में ही सारे काम होते हैं।” इन केन्द्रों पर एक एएनएम के साथ ही आशा बहुओं को सहायक के रूप में जोड़ा गया है। जनपद का एक एएनएम सेंटर दस हजार की जनसंख्या पर बनाया जाता है। एएनएम को हफ्ते में बुधवार व शनिवार को अपने क्षेत्र में पड़ने वाले गाँवों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के साथ ही बच्चों के टीकाकरण की समय-सारणी तय है। वहीं सोमवार व गुरुवार को एएनएम द्वारा गाँवों का भ्रमण कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही विभिन्न रोगों के लक्षण व उनसे बचाव के तरीकों की जानकारी देने का कार्यक्रम शासन स्तर से तय है। 

प्रतापगढ़ जिले में ज्यादातर जगह पर यही समस्या है। ज्यादातर तो एएनएम ही नहीं जाती हैं। कभी-कभार पहुंच गईं तो महिलाओं के आने पर उन्हें जिले पर रेफर कर दिया जाता है। खरवई गाँव से पांच किमी. पूर्व में शिवगढ़ ब्लॉक के भिखनापुर गाँव में भी लगभग आठ साल पहले एएनएम सेंटर बनाया गया था। लेकिन यहां भी कुछ महीने ही एएनएम रहीं होंगी। अब वहां पर ताला लगा रहता है। गर्भवती महिलाओं को आशा बहू यहां से सात किमी. दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाती हैं। 

स्वयं वालेंटियर: आकांक्षा सिंह

स्कूल: राजकीय बालिका इं.कॉ.

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

 

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