प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा मिला है और 10 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
उपज के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भी योजनाओं पर काम हो रहा है।
कृषि उपज होने के बाद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी मजबूत की जाएगी। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान को मजबूत किया जाएगा।
इसके तहत कृषि की नई प्रौद्योगिकी और कृषि बीमा को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी से जुड़े किसानों की भी मदद की जा रही है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएँ चलाई जा रही हैं। मत्स्य संपदा को भी मजबूत किया जा रहा है।
सी-फूड का उत्पादन दोगुना है।
मत्स्य संपदा योजना के जरिए उत्पादकता को तीन से बढ़ाकर पाँच टन प्रति हेक्टेयर किया जाएगा।
रोजगार के 55 लाख नए अवसरों को उत्पन्न किया जाएगा। पाँच समेकित एक्वा पार्क बनाए जाएँगे।
‘मत्स्य संपदा योजना से 55 लाख को नया रोजगार मिला। 5 इंटीग्रेटेड एक्वापार्क स्थापित किए जाएँगे।
करीब 1 करोड़ महिलाएँ लखपति दीदी बनीं हैं अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।
तिलहन की खेती में आत्मनिर्भर बनने पर जोर, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश।
इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1,361 मंडियों को एकीकृत किया है और 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं प्रदान कीं।