भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 4 से 6 मई के बीच प्रदेश के अधिकांश कृषि जलवायु अंचलों में मेघगर्जन, वज्रपात, तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 1 मई को प्रदेश के उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है। इस अवधि में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
मौसम पूर्वानुमान (9-15 मई 2025):
इस सप्ताह के प्रारंभिक चरण में उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
कृषकों के लिए सुझाव:
- मौसम विभाग द्वारा जारी दैनिक चेतावनियों का पालन करें। ‘सचेत’ ऐप के माध्यम से अद्यतन जानकारी प्राप्त करें।
- गेहूं और जायद फसलों की कटाई शीघ्र पूर्ण करें एवं सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करें।
- खाली खेतों की गहरी जुताई करें ताकि मृदा में छिपे खरपतवार के बीज और कीट नष्ट हो सकें।
- फसल अवशेषों का जैविक फॉर्मुलेशन ‘हेलो-केयर’ के साथ पुनर्चक्रण करें। यह उत्पाद लखनऊ स्थित केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान से प्राप्त किया जा सकता है।
- देर से बोये जाने वाले गन्ने की बुवाई शीघ्र करें और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी रखें।
- धान की रोपाई के लिए हरी खाद हेतु 80-90 किग्रा सनई या 60 किग्रा ढैंचा प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई करें।
- धान की बुवाई के लिए शोधित बीज का चयन करें और मई माह में देर से पकने वाली प्रजातियों को वरीयता दें।
- आम के भुनगा कीट की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 30.5% एस.सी. (3.0 मिली/10 लीटर) और प्रोफेनोफास 50% ई.सी. (1 मिली/लीटर) का छिड़काव करें।
- आम में फल मक्खी और अन्य कीटों से बचाव के लिए बैगिंग विधि अपनाएं।
- मृदा जनित रोगों से बचाव हेतु ट्राइकोडर्मा विरिडी 1% डब्ल्यू.पी. या ट्राइकोडर्मा हरजियेनम 2% डब्ल्यू.पी. की 2.5 किग्रा मात्रा को 65-75 किग्रा सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर अंतिम जुताई से पहले भूमि में मिलाएं।
- हरे चारे जैसे ज्वार, बाजरा और चरी की कटाई जड़ से 6 इंच ऊपर करें और केवल पर्याप्त नमी वाले खेतों में ही चारा खिलाएं।
- पशुपालक मोबाइल वेटनरी यूनिट की सेवाओं के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1962 पर संपर्क कर सकते हैं।
इन सुझावों का पालन करके किसान मौसम की अनिश्चितताओं से अपनी फसलों और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।