छत्तीसगढ़ के किसान इस बार के विधान सभा चुनाव में उनका हाथ थामने वाली पार्टी को ही कुर्सी पर बैठाने के मूड में हैं।
प्रदेश की राजधानी रायपुर से करीब 75 किलोमीटर दूर राजनांदगांव में जुटे किसानों ने कहा अब वो नहीं ठगे जाएँगे। राजनांदगांव में प्रदेश भर के किसान अपने हाथों में ‘बीस कुंतल धान देबो, पैसा लेबो चार के पार’, लिखे बैनर लिए इकट्ठा थे। विधानसभा चुनाव से पहले किसानों ने अपना घोषणा-पत्र जारी कर दिया है।
प्रांतीय किसान महापंचायत के संयोजक सुदेश टीकम ने गाँव कनेक्शन को बताया, “पूरे प्रदेश से किसान अपनी माँगों को लेकर राजनांदगांव में इकट्ठा हुए थे, अभी कुछ माँगें हैं जो भी पार्टी हमारी माँगे मानेंगी हम उसी को वोट करेंगे। किसानों के घोषणा-पत्र को नज़र अंदाज करने वाली पार्टी को किसान और मज़दूर नज़रअंदाज करेंगे।”
किसानों के घोषणा-पत्र में क्या है?
- अगले पाँच साल तक धान की कीमत 4000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक करने और प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदी करना होगा।
- किसानों का क़र्ज़ माफ करना होगा।
- तेंदूपत्ता की कीमत न्यूनतम 8000 रुपए मानक बोरा देना होगा।
- व्यक्तिगत फसल बीमा (राज्य प्रायोजित) चालू करना होगा।
- आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए फसल रक्षक तैयार करना होगा।
- वनोपज का मालिकाना ग्राम-सभा को देना होगा, पेशा नियम में संशोधन कर ग्राम सभा की सर्वोच्चता पेशा कानून की भावना के अनुरूप करना होगा।
- तीन साल के भीतर गाँव के पारंपरिक सीमा के भीतर स्थित वन को वन अधिकार मान्यता कानून के अनुसार समाज को हस्तांरित करना होगा।
- सभी फसलों और वनोपज को राज्य में समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करना होगा।
- न्यूनतम 250 दिनों का रोज़गार मनरेगा में देकर कलेक्टर रेट से भुगतान करना होगा और प्रति एकड़ प्रति फसल 40 मनरेगा मज़दूर उपलब्ध कराना होगा।
- छत्तीसगढ़ की सभी कृषि भूमि को सिंचित बनाने दस वर्षीय कार्य योजना बनाकर प्रतिवर्ष बजट में आबंटन करना होगा।
छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवम्बर को दो चरणों में चुनाव होंगे। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।