वैज्ञानिकों ने खोजा फॉल आर्मी वर्म से मक्का फसल बचाने का आसान तरीका

फॉल आर्मी वर्म सबसे पहले पौधे की नई पत्तियों पर हमला करता है। यही नहीं यह कीट एक बार में 900-1000 अंडे दे सकता है। वैज्ञानिकों ने इससे निपटने का आसान तरीका खोज लिया है।
#Fall Armyworm

हर साल मक्का की खेती करने वाले किसानों को फॉल आर्मी वर्म की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे में वैज्ञानिकों ने मक्का की फ़सल को बचाने के लिए आसान और कारगर तरीका ढूँढ़ लिया है। खास बात ये है कि इसमें किसी तरह के कीटनाशक का भी इस्तेमाल नहीं करना होगा।

करीब छह साल पहले अफ्रीका में मक्के की फसल बर्बाद करने वाला फॉल आर्मीवर्म अब भारत के कई राज्यों में पहुँच गया है। इस कीट को भारत में सबसे पहले मई, 2018 में कर्नाटक के शिवमोगा में देखा गया था। इसके बाद तमिलनाडु, आँध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बँगाल, गुजरात, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान, झारखण्ड, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और सिक्किम में भी किसानों के खेतों में नज़र आया।

इस विधि में किसानों को मक्के के साथ लोबिया, मूँगफली, चना, उड़द और रामदाना जैसी फसलों को लगाना होगा। वैज्ञानिकों ने जुलाई-नवंबर 2023 में तेलंगाना के हैदराबाद, बिहार के ढोली और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में इस तरीके को अपनाया और लगातार निगरानी करते रहे।

वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन को साइंस डायरेक्ट पर प्रकाशित किया है। मक्का के साथ दूसरी फसलें लगाने से कई तरह के मित्र कीट जैसे लेडीबर्ड बीटल, मकड़ी और इयरविग्स जैसे कीटों की संख्या बढ़ गई, जिनकी वजह से फॉल आर्मीवर्म की संख्या धीरे-धीरे कम हो गई। इस विधि से खेती करने पर किसानों की लागत में भी कमी आती है, कीटनाशकों पर अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता है।

फॉल आर्मीवर्म को सबसे पहले मई, 2018 में कर्नाटक में देखा गया, जुलाई में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में अगस्त में नज़र आया। फिर ओडिशा , महाराष्ट्र, बंगाल तक पहुंच गया। नवंबर में बांग्लादेश में रिपोर्ट हुआ, उसके बाद म्यांमार, थाईलैंड, जापान और चीन तक पहुँच गया। मार्च 2020 में यह ऑस्ट्रेलिया में रिपोर्ट हुआ, जैसे हवा चली उसी तरह वैसे ही यह फैलता है।

मानसून के साथ ही ये भी पहुँचते हैं, मादा जहाँ पर पहुँचती है वहाँ पर अंडे देकर अपनी सँख्या बढ़ा लेती है। इस समय पूरे देश में कहीं पर कम और कहीं पर अधिक इसका असर देखा जा सकता है। इनके नियंत्रण के लिए सही समय पर इनकी पहचान करके इनसे छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन अगर वही थर्ड स्टेज में पहुँच गया तो इनपर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

इसको बढ़ने के लिए जो वातावरण चाहिए वह भारत में एकदम ठीक है, बहुत ज्यादा ठंडी में यह खुद मर जाता है, रबी के सीजन में इसका प्रकोप नहीं देखा जाता, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, यह भी बढ़ता जाता है।

दुनिया के 109 देशों में बर्बाद कर रहा है मक्का

कृषि और खाद्य संगठन के अनुसार, अमेरिकी फॉल आर्मीवर्म मूल रूप से अमेरिका का कीट है, लेकिन 2016 में धीरे धीरे पूरे अफ्रीका में फैल गया। इसके साथ ही यह भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, कोरिया, कंबोडिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, जॉर्डन, सीरिया, स्पेन जैसे देशों तक पहुँच गया है। 

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