ध्यान दें किसान! बिना रजिस्ट्री के रुक जाएगी पीएम किसान योजना की रकम

अब यूपी में पीएम किसान योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री में अपना पंजीकरण कराया है। सरकार का मकसद है कि फर्जी लाभार्थियों को रोका जाए और असली किसानों तक ही पैसा पहुँचे।
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे लेकिन अभी तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाई तो अगली किश्त नहीं मिलने वाली। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी किस्त केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry) में अपना पंजीकरण करवाया है।

क्या है फार्मर रजिस्ट्री?

फार्मर रजिस्ट्री एक तरह का डिजिटल डाटाबेस है जिसमें राज्य के सभी किसानों की जानकारी एक जगह दर्ज की जाती है। इसका उद्देश्य इस बात का ध्यान रखना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक और योग्य किसानों को मिले। इस रजिस्ट्री में किसानों की पहचान, उनकी भूमि का विवरण, फसल का प्रकार, बैंक खाता, आधार संख्या और अन्य कृषि संबंधी जानकारियाँ दर्ज की जाती हैं। राज्य सरकार के अनुसार, रजिस्ट्री भविष्य में किसान संबंधित सभी योजनाओं का आधार बनेगी। यानी एक बार रजिस्ट्री में नाम दर्ज हो जाने के बाद किसान को अन्य योजनाओं के लिए बार-बार दस्तावेज़ जमा नहीं करने होंगे।

फार्मर रजिस्ट्री क्यों जरूरी है?

पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री में अपना नाम दर्ज कराया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी फर्जी लाभार्थी योजना का फायदा न उठा सके और सही किसान तक पैसा पहुँचे। मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे व्यक्तिगत रुचि लेकर इस काम को तेज़ रफ्तार से पूरा कराएं। किसानों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर विशेष कैंप आयोजित करने को कहा गया है, ताकि जो किसान अब तक रजिस्ट्री में शामिल नहीं हुए हैं, वे शीघ्र अपना पंजीकरण करा सकें।

फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण कैसे करें?

फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। किसान चाहें तो ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से पंजीकरण कर सकते हैं।

ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया:

स्टेप 1: सबसे पहले किसान को https://agridarshan.up.gov.in/ (उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की वेबसाइट) पर जाना होगा।
स्टेप 2: होमपेज पर “फार्मर रजिस्ट्री” या “किसान पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें।
स्टेप 3: इसके बाद किसान को अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर, और भूमि विवरण (खसरा संख्या, गाटा संख्या) भरना होगा।
स्टेप 4: भूमि का सत्यापन राजस्व विभाग के अभिलेखों से स्वतः हो जाता है।
स्टेप 5: सभी जानकारी सही भरने के बाद “सबमिट” बटन दबाएं।
स्टेप 6: आवेदन सफल होने पर आपको एक पंजीकरण संख्या (Registration ID) प्राप्त होगी, जिसे भविष्य में योजना लाभ लेने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रिया:

जिन किसानों को इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है, वे ग्राम पंचायत, CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) या कृषि विभाग कार्यालय में जाकर फार्मर रजिस्ट्री फॉर्म भर सकते हैं।

फॉर्म भरते समय निम्नलिखित दस्तावेज साथ रखना आवश्यक है:

  • आधार कार्ड की छाया प्रति
  • भूमि दस्तावेज (खसरा-खतौनी की प्रति)
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो

संबंधित अधिकारी आपके दस्तावेजों का सत्यापन करके पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करेंगे।

रजिस्ट्री के लाभ

  • सभी सरकारी योजनाओं का एकीकृत लाभ:
    एक बार पंजीकृत होने के बाद किसान को अन्य योजनाओं के लिए अलग से आवेदन नहीं करना होगा।
  • फर्जी लाभार्थियों पर रोक:
    भूमि आधारित डाटा लिंक होने से केवल वास्तविक किसान ही पात्र रहेंगे।
  • सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता:
    डेटा डिजिटाइज होने से योजनाओं का सही मॉनिटरिंग संभव होगा।
  • आर्थिक सहायता की तेजी से प्राप्ति:
    बैंक खाते और आधार लिंक होने से पैसा सीधे किसान के खाते में पहुंचेगा।

सरकार ने दिए सख्त निर्देश

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी स्वयं इस कार्य की निगरानी करें और 20 नवंबर 2025 तक फार्मर रजिस्ट्री का कार्य हर जिले में शत-प्रतिशत पूरा हो जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस कार्य में लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से संबंधित लंबित मामलों को भी जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी लंबित मामले को 20 नवंबर तक हर हाल में समाप्त किया जाए, ताकि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर पात्र लोगों तक पहुँच सके।

किसानों में जागरूकता अभियान शुरू

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पहले ही फार्मर रजिस्ट्री जागरूकता अभियान चलाया जा चुका है। ग्राम स्तर पर कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें किसानों को रजिस्ट्री प्रक्रिया के बारे में बता रही हैं। पंचायत घरों, मंडियों और कृषि केंद्रों पर कैंप आयोजित किए जा रहे हैं, जहाँ किसान अपना पंजीकरण तुरंत कर सकते हैं। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि किसानों की वास्तविक जरूरतों की पहचान करने में भी मदद करेगा। भविष्य में इसी डाटा के आधार पर नई कृषि नीतियाँ तैयार की जाएंगी।

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