मौसम विभाग की ताज़ा भविष्यवाणी किसान भाइयों की नींद उड़ाने के लिए काफी है; लेकिन रबी की बुआई अगर नहीं किए हैं तो एक उपाय से कुछ राहत जरूर मिल सकती है।
जैसा आमतौर पर कहा जाता है कि अगर बरसात से अपने पौधों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना चाहते हैं तो पहले फसल में प्लास्टिक मल्चिंग करना ठीक रहता है।
बारिश के मौसम में खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को खेत में बारिश के जलभराव को रोकने पर काम करना चाहिए। इसके लिए खेत के बीच में गहरी नालियाँ बनाना सबसे बेहतर होता है, इससे बारिश का पानी खेत से बाहर निकल जाएगा। अगर बुआई नहीं किए हैं तो बारिश के बाद करना बेहतर होगा।
सामान्य मानसून के समय भी कृषि विशेषज्ञ फसलों की नर्सरी के लिए जरूरी सलाह देते रहते हैं; जिससे किसान भाई अपनी फसल को बचा सकते हैं। आमतौर पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान फल और सब्जियों की फसल को हमेशा मौसम के अनुसार बोने की सलाह देता रहता है; लेकिन ठंड के मौसम में बुवाई होने के बाद बारिश का होना किसानों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।
रबी फसल की बुआई से पहले बारिश का होना किसी चुनौती से कम नहीं है।
गेहूँ, जौ,आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर और सरसों जैसी फसलों का यही समय होता है। इस मौसम में कई हरी सब्जियों के साथ-साथ फलों की भी खेती भी की जाती है। मौसम के लिहाज से इस समय की फसलों को सिंचाई के लिए कम पानी की जरूरत होती है। ऐसे में बुवाई से खेतों में जलभराव या फिर बुवाई के बाद बारिश से फसल को नुकसान हो सकता है।
क्या है मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग की मानें तो उत्तर प्रदेश में 27 नवंबर को बारिश होने का पूर्वानुमान है। लखनऊ मौसम केंद्र के मुताबिक यह बारिश पूरे प्रदेश में होगी जिससे तापमान में भारी गिरावट होगी और ठंड बढ़ेगी।
उधर गुजरात में पहले ही कुछ हिस्सों में बारिश का अनुमान व्यक्त किया जा चुका है। 24 से 27 नवंबर तक साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से बारिश की यहाँ संभावना व्यक्त की गई है, जिसमें 24 नवंबर को राज्य के सूरत, नवसारी, वलसाड और डांग जिले में आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना है।
यही नहीं अगले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु और केरल में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
लक्षद्वीप और दक्षिणी कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय ओडिशा और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में हल्की बारिश संभव है। इसके साथ दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र में भी हल्की बारिश संभव है अगर ऐसा होता है तो इन राज्यों के किसानों के लिए बेमौसम बरसात महंगी साबित हो सकती है।