Gaon Connection Logo

आइये आप भी श्री अन्न महोत्सव में नवाबों के शहर, ज़ाइक़ा जानकारी दोनों मिलेगी यहाँ

उत्तर प्रदेश सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में 'श्री अन्न महोत्सव' का आयोजन कर रही है, जिसमें किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा।
#millet

अगर आप मोटे अनाज की खेती करते हैं या उसमें दिलचस्पी है तो चले आइये लखनऊ, 27 से 29 अक्टूबर के बीच राज्य की राजधानी में ‘श्री अन्न महोत्सव’ आयोजित किया जाएगा।

इसमें मोटे अनाज से बने भोजन की कार्यशाला भी लगेगी और किसानों को मोटे अनाज के उत्पाद के बारे में जागरूक किया जाएगा।

इस मौके पर मोटे अनाज के उत्पाद के लिए अच्छा काम करने वाले किसान भाइयों को सम्मानित भी किया जाएगा।

इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में आयोजित होने वाले तीन दिन के ‘श्री अन्न महोत्सव’ में पहले दिन छह मंडलों, दूसरे दिन पाँच मंडलों और तीसरे दिन सात मंडलों के किसान कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यानी 27 तारीख़ को लखनऊ,कानपुर, अयोध्या, बस्ती, आजमग़ढ और देवीपाटन मंडल के किसान हिस्सा लेंगे।

दूसरे दिन सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़,आगरा और मुरादाबाद के किसान शामिल होंगे। तीसरे दिन गोरखपुर,वाराणसी,बरेली, झाँसी,चित्रकूट, प्रयागराज और मिर्जापुर के किसान श्री अन्न महोत्सव में होंगे। हर मंडल से 50 प्रगतिशील किसान इसमें हिस्सा लेंगे।

महोत्सव में करीब 40 स्टॉल भी लगाए जाएँगे, जिनमें विभिन्न विभागों, किसान उत्पादक संगठनों और होटलों के स्टॉल शामिल होंगे।

ख़ास बात ये है कि कार्यक्रम में पौष्टिक मोटे अनाज की खेती और प्रसंस्करण पर चर्चा तो होगी ही लखनऊ के प्रसिद्ध होटल और रेस्तरां खाना पकाने की प्रतियोगिता में भाग भी लेंगे।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया है। श्री अन्न महोत्सव में गेहूँ और चावल जैसे मुख्य अनाजों पर निर्भरता कम करने के लिए बड़े पैमाने पर बाजरा की खेती और प्रचार पर इस दौरान चर्चा होगी।

लखनऊ की चटोरी गली सड़क, जो स्ट्रीट फूड का केंद्र है वहाँ मोटे अनाज से तैयार पकवानों की प्रतियोगिता होगी। विजेताओं को कृषि विभाग की तरफ से सम्मानित किया जाएगा ।

प्रतियोगिता के अलावा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बाजरा उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगेगी। राज्य सरकार का कहना है कि “लखनऊ के कई प्रसिद्ध होटल और रेस्तरां जनता के लिए बाजरा व्यंजन तैयार करते हुए प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की योजना कृषि विभाग और स्थानीय विकास प्राधिकरण के सहयोग से बनाई गई है।”

भारत में लगभग छह से सात तरीके के मोटे अनाज उगाए जाते हैं, जिसमें पर्ल मिलेट (बाजरा), फिंगर मिलेट (रागी), फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी), प्रोसो मिलेट (बारगु), सोरगम (ज्वार), लिटिल मिलेट (समाई), कोदो मिलेट (अरका) शामिल हैं।

भारत में क्यों बढ़ी रही है मोटे अनाजों की माँग

भारत कई कारणों से मोटे अनाजों पर अब ध्यान बढ़ा रहा है। बाजरा सूखा-प्रतिरोधी फसल है जिसे खराब मिट्टी और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। यह भारत के उन हिस्सों में एक महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत बन जाता है जहाँ अन्य फसलें नहीं उग सकती हैं। देश में वर्षा आधारित खेती ,कुल खेती का 60 प्रतिशत है। ऐसे इलाकों में मोटे अनाज की खेती से किसानों की निर्भरता सिंचाई के साधन और मानसून की अनियमितता पर कम हो सकती है।

आंकड़े बताते हैं कि भारत दुनिया में मोटे अनाज का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक है। साल 2021-22 में 64.28 मिलियन डॉलर मूल्य के मोटे अनाजों का निर्यात किया गया। पूरे एशिया में मोटे अनाज के उत्पादन में भारत का 80 फीसदी हिस्सा है।

More Posts

अगले पाँच साल में 15,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय करेगी भारतीय बीज सहकारी समिति

भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के साथ मिलकर केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता से उन्नत...