किसानों के प्रति महाराष्ट्र सरकार के रवैये से अदालत नाराज
गाँव कनेक्शन 19 March 2016 5:30 AM GMT

नागपुर (भाषा)। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार और उसके अधिकारियों की अमरावती में गरीब किसानों और उनके आश्रितों को राहत देने से इंकार करने की बात पर फटकार लगाई है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उनके राजस्व विभाग द्वारा फसल उत्पादन की गणना करने के तरीके के आधार पर चार जिलों के 6,147 गाँवों को तत्काल सूखा प्रभावित गाँवों की सूची में शामिल करने को कहा। इन जिलों में अमरावती, अकोला, यवतमाल और वाशिम शामिल हैं। बुलडाना ज़िले के तकरीबन 1,420 गाँवों को शून्य के मूल आंकड़े से सूची में शामिल किया गया है। ये गाँव सूखा प्रभावित गाँवों को दी जाने वाली रियायतों के बारे में 20 अक्टूबर 2015 के सरकारी आदेश के मुताबिक फायदा पाएंगे। न्यायमूर्ति भूषण गवई और न्यायमूर्ति प्रसन्न वराले की पीठ ने राज्य सरकार को किसानों की त्रासदी के बारे में बताते हुए आश्चर्य जताया कि क्यों अमरावती के संभागीय आयुक्त की संशोधित रिपोर्ट को चार जिलों और खासतौर पर किसानों की आत्महत्या से प्रभावित यवतमाल जिले में नहीं लागू किया जा रहा है और बुलडाना जिले के संबंध में सिर्फ लागू किया जा रहा है। पीठ देवानंद पवार और ग्राम विकास बहुउद्देशीय संस्था द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में विदर्भ के वंचित गाँवों को सूखा संबंधित लाभों से वंचित करने के लिए अपनाए गए गलत तरीके के बारे में शिकायत की गई है।
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