किसानों को नहीं लुभा पा रही सोलर पम्प अनुदान योजना

Swati ShuklaSwati Shukla   31 Dec 2015 5:30 AM GMT

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किसानों को नहीं लुभा पा रही सोलर पम्प अनुदान योजनागाँव कनेक्शन

बाराबंकी। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री ग्लोबल वार्मिंग के लिये चिंतित हैं और पूरे प्रदेश में यूपीनेडा एवं कृषि विभाग के संयुक्त प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सोलर पम्प लगवाये जाने हैं, फिर भी ज्यादातर किसान सोलर पम्प लगवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। प्रदेश में 5000 सोलर पम्प का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 2100 सोलर पम्प लग पाए हैं। 

केंद्र व राज्य सरकार मिलकर 75 प्रतिशत अनुदान सोलर पम्प लगवाने वाले किसानों को दे रहे हैं, इसके बावजूद भी किसान सोलर पंप नहीं लगवा रहे हैं। जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर मेहन्दीपुर के किसान कन्हैया लाल (48 वर्ष) बताते हैं, ''सोलर पम्प लगवाने के लिये पंजीकरण कराया था लेकिन अब नहीं लेना चाहता हूं। सुना था इसमें बैटरी भी मिलेगी तो हमारे और भी काम आ जाती पर बैटरी नहीं दे रहे हैं, इस लिये हमें नहीं लगवाना।"

योजना के तहत किसानों का चयन कृषि विभाग के द्वारा किया जाता हैं और टेक्निकल गाइड यूपीनेडा का रहता है। किसानों को इसका लाभ लेने के लिये ऑनलाइन किसान पंजीकरण कराना आवश्यक होता हैं, इसके बाद वो जिले के उप कृषि निदेशक के दफ्तर में सोलर पम्प लगवाने के लिये आवेदन कर सकता है। किसान को केवल अपने कृषक अंश का ड्राफ्ट सम्बन्धित फार्म के नाम का बनवा के कृषि विभाग में ही जमा करना होता है तत्पश्चात उसके यहां सोलर पम्प लग जाता है।

बाराबंकी मे पांच हार्स पावर के लिये दो सोलर पम्प, तीन एचपी के लिये 100 सोलर पम्प दो एचपी के लिये 25 पम्प लगवाने का लक्ष्य कृषि विभाग को दिया गया था जिसके लिये क्रमश: 50 प्रतिशत 75 प्रतिशत व 75 प्रतिशत का अनुदान निर्धारित है। अभी तक पांच एचपी पंप के दो, तीन एचपी पंप के 20 व दो एचपी पंप के केवल 12 पम्प ही लग पाये हैं। योजना की घोषणा होने पर सोलर पम्प के लिये सैकड़ों किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था और लाटरी के द्वारा चयन होना था परंतु आज कोई रुचि नहीं ले रहा है।

भिटरिया के उस्मान (35 वर्ष) कहते है, ''मैं तीन एचपी का सोलर पम्प लगवाना चाह रहा था पर उसके लिये बोरिंग कराने में 40000 लग रहा है, इसलिये नहीं लेना, इसमें बहुत झंझट है। मैंने सोचा था कि खेती के लिये लेकर अपने घर में लगा लूंगा पर ये खेत में ही फिक्स कर देते हैं जिससे चोरी हो सकता है।" वहीं पर कुछ किसान ऐसे भी हैं जो लगवाना चाह रहे हैं लेकिन उन्होंने अपना पंजीकरण अभी करवाया हैं, उनको यह कहकर मना कर दिया जाता हैं कि आपका पंजीकरण लेट हुआ है इसलिए अगले सत्र में मिलेगा। यही हाल लगभग हर जि़ले का है। लखनऊ में तीन एचपी के लिये 15 के सापेक्ष चार, बलरामपुर में 50 के सापेक्ष 12, बहराइच में 35 के सापेक्ष 11, श्रावस्ती में 35 के सापेक्ष केवल पांच पम्प लग पाये हैं।

सोलर पम्प अच्छा व कारगर है लेकिन किसानों को इस बात पर अभी विश्वास नहीं हुआ है। जिला मुख्यालय से 24 किमी दूर बड़ागाँव के अहमद खान बताते हैं, ''सोलर पम्प ज्यादा कारगर नहीं है और इसकी मशीन लम्बे समय तक काम नहीं करेगी। बोरिंग में पैसे की लागत अधिक आती है, बोरिंग कराने में सवा दो लाख खर्च आता है। इस तरह से जिले के बहुत से किसान है जिनको इस बात की जानकारी नहीं की इसका प्रयोग कैसे करें व किस प्रकार इसका लाभ उठाएं।" सोलर पम्प जिले के बड़े किसानों ने ही लगवाया छोटे किसान इस योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। बाराबंकी के उप कृषि निदेशक एस पी सिंह बताते है, ''जिन लोगों ने अपना पंजीकरण अगस्त से पहले करा लिया था, हम उनका चयन कर रहे हैं। अगर निदेशालय से कोई निर्देश आता है तो हम सभी को दे देंगे। साथ ही चुनाव के कारण लक्ष्य पूरा करने में समय लग गया, हम अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं कि किसान सोलर पम्प लगवाएं।"

इस संबंध में अपर कृषि निदेशक डॉ. खरे बताते हैं, ''लक्ष्य न पूरा होने की दशा में कोई भी योजना का लाभ ले सकता है भले ही पंजीकरण अभी कराया हो। किसानों को साल भर इसका इंतजार नहीं करना पड़ेगा, चाहे लक्ष्य पूरा हो या न पूरा हो। जो किसान आवेदन करेंगे उन किसानों को सोलर पम्प तत्काल दिए जायेंगे। पांच हजार सोलर पम्प लगने थे जिनमें से 2,100 सोलर पम्प लग गए हैं। छोटे किसानों का रुझान इसलिए कम है क्योंकि सोलर पम्प लगाने के लिए कम से कम 60 हजार का खर्चा आता है। छोटे किसान इतना पैसा एक साथ नहीं जमा कर पा रहे है।"

सोलर वॉटर पंप पाने के लिए किसान ऑनलाइन जमा करें आवेदन 

इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर डीएम त्रिपाठी बताते है, ''एक बार पंजीकरण हो जाने पर पंजीकरण संख्या मिल जाती है जिसे किसानों को अपने पास सुरक्षित रखना होता है। संख्या के जरिए ही किसान सोलर वाटर पंप के लिए आवेदन कर सकता है।" यह आवेदन कभी भी किए जा सकते हैं और सरकार लाभार्थी चुनने के लिए पहले आओ पहले पाओ का फॉर्मूला अपनाती है। इसलिए किसान जितना जल्द आवेदन करेगा उसके लाभार्थी सूची में चुने जाने की संभावना उतनी ज्यादा होगी। सरकार द्वारा आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरु करने के बाद किसान सोलर वाटर पंप के अलावा बीज और खाद भी इसी तरह से बुक करा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा रबी और खरीफ सीजन के मौके पर सरकार एक तारीख का ऐलान करती है जिससे पहले किए गए आवेदनों में से ही लाभार्थी चुने जाते हैं।

ऐसे मिलता है अनुदान

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को दो हार्सपावर, तीन हार्सपावर और पांच हार्सपावर वाले सोलर पंप अनुदान दे रही है। इसमें दो और तीन हार्सपावर वाले पंपों पर 75 प्रतिशत और पांच हार्सपावर वाले सोलर पंप पर 50 प्रतिशत अनुदान पर लाभार्थी को दिया जायेगा। डीएम त्रिपाठी बताते हैं, ''किसानों को पंजीकरण कराने के लिए अपने साथ खतौनी, बैंक पासबुक और पहचान पत्र के साथ उनकी फोटोकॉपी ले जाकर अपने ब्लॉक आफिस से पंजीकरण करा सकता है। इसके बाद लाभार्थी का चयन हो जाने पर उसके द्वारा चुने गए सोलर वॉटर पंप को लगवाने के लिए उसे एक डिमांड ड्रफ्ट बनवा कर जमा करना होगा। जिसके बाद सोलर वॉटर पंप उसके खेत या बताई गई जगह पर कंपनी द्वारा लगा दिया जाएगा।" दो हार्सपावर वाले सोलर वॉटर पंप की कीमत बाजार में करीब 2,41,000 रुपए है, 75 प्रतिशत अनुदान के बाद किसान को 60,257 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट ''मेसर्स सेंट्रल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, गजि़याबाद" के फेवर में बनेगा। ये सोलर पंप सतह हर लगने वाला होगा। तीन हार्सपावर वाले सबमर्सिबल पंप बाजार में करीब 4,68,000 रुपए है और इस पर भी किसान को 75 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। किसान को इसे पाने के लिए 1,17,200 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट ''मेसर्स सन एडीशन सोलर पॉवर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई' के फेवर में बनवाना होगा। पांच हार्सपावर वाले सबमर्सिबल पंप पर अनुदान 50 प्रतिशत है और इसका बाजार मूल्य 5,31,200 रुपए है, जो किसान को 2,65,600 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट  ''मेसर्स प्रीमियर सोलर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद" के फेवर में बनवाना होगा।

 

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