किसी भी कारोबार को छूट देना उसे बर्बाद करने जैसा है: आरबीआई गवर्नर
गाँव कनेक्शन 12 May 2016 5:30 AM GMT

लंदन (भाषा)। उद्योग विशेष को रियायत देने की नीति का कड़ा विरोध करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि किसी उद्योग को प्रोत्साहित करना उसे खत्म करने का पक्का इंतजाम करने जैसा है। इसलिए नीतिनिर्माताओं को किसी व्यवसाय की दिशा तय करने से बचना चाहिए।
राजन ने सरकार से कुछ करने की बार-बार की रट की भी आलोचना की है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने वस्तु निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रुपये की विनिमय दर घटाने की मांग का ज़िक्र किया और कहा कि ये जरूरी नहीं है कि भारत की व्यापार नरमी मुद्रा की विनिमय दर की वजह से ही हो।
आर्थिक मुद्दों पर अपनी बेलाग टिप्पणियों के लिए जाने वाले राजन ने एक लेख में कहा है कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं मांग को प्रोत्साहित करने के लिए आक्रामक मौद्रिक नीतियों के जरिए भारत जैसी उभरती बाजार व्यवस्थओं के लिए जोखिम पैदा कर रही हैं।
उन्होंने कहा निश्चित तौर पर एक दिन हम पूंजी प्रवाह में तेजी देखते हैं क्योंकि निवेशक जोखिम लेने में रचि दिखाते हैं और दूसरे दिन निकासी होती है क्योंकि उन्हें जोखिम लेना नहीं चाहते। राजन ने कहा मुझसे हमेशा पूछा जाता है कि हमें किन उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए। मैं कहूंगा कि किसी उद्योग को प्रोत्साहित करना इसे खत्म करने का सबसे अचूक तरीका है। नीति निर्माता के तौर पर हमारा काम है कारोबार गतिविधियों को अनुकूल बनाना न कि इसी दिशा तय करना।' अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पूर्व अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत वृहत्-आर्थिक स्थिरता के लिए घरेलू मंच तैयार करने की कोशिश कर रहा है ताकि वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके और वाह्य उतार-चढ़ाव से अपने बाजारों की रक्षा हो।
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