कोई बीमारी नहीं लेकिन जीने के लिए खून चाहिए

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कोई बीमारी नहीं लेकिन जीने के लिए खून चाहिएgaoconnection

लखनऊ। कोई बीमारी नहीं है, फिर भी उस बच्चे को जिंदा रहना है तो हर महीने एक यूनिट ब्लड की जरूरत है। डेढ़ साल से मासूम के परिजन ब्लड की व्यवस्था तो करते रहे हैं लेकिन अब वह भी टूट चूके हैं जबकि चिकित्सक उसे डिस्चार्ज करने की रट लगाए हैं। 

मामला मेडिकल कॉलेज का है। प्रतापगढ़ जनपद के अंतू थाना क्षेत्र के जोगीपुर निवासी सीताराम (50 वर्ष) ने बताया कि 10 जनवरी 2008 उनके घर बेटे का जन्म हुआ था लेकिन ये खुशी तब गायब हो गई जब यह जानकारी हुई कि बच्चे का मलद्वार नहीं है। सीताराम बच्चे को लेकर इलाहाबाद ले गये। इलाहाबाद प्राइवेट क्लीनिक के चिकित्सक डॉ. धनेश अग्रहरि ने दूसरे दिन ही बच्चे का ऑपरेशन कर मलद्वार बनाया। मलद्वार बनने से बच्चा स्वस्थ हो गया। धीरे-धीरे मासूम नीलकमल बड़ा होने लगा।

सीताराम आगे बताते हैं कि नीलकमल जब साढ़े पांच वर्ष का हुआ तो मलद्वार से ब्लड निकलने लगा। इसकी शिकायत होने पर सीताराम इलाहाबाद लेकर गये, जहां डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया। उपचार के दौरान हर महीने शरीर में ब्लड कम होने लगा। डॉक्टरों की मांग पर सीताराम अपने परिचितों से ब्लड डोनेट कराकर नीलकमल को चढ़वाते रहे लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई तो चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। 

मेडिकल कॉलेज में सीताराम ने 22 अप्रैल को नीलकमल को भर्ती कराया। डॉ. जेडी रावत (सर्जन) ने नीलकमल का उपचार शुरू किया लेकिन कोई बीमारी पकड़ में नहीं आई। सीताराम ने बताया कि जेडी रावत ने इसके बाद बाल विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार वर्मा को रेफर कर दिया। डॉ. संजीव वर्मा ने नीलकमल की वह सभी जांचें कराईं जो उनको जरूरत थी। कई दिन तक जांच होने और रिपोर्ट आने के बाद सीताराम ने बताया कि डॉ. संजीव के मुताबिक नीलकमल को कोई बीमारी नहीं है। सीताराम ने आगे बताया कि जब डॉ. संजीव से पूछा गया कि कोई बीमारी नहीं है तो आखिर इसको हर महीने ब्लड क्यों चढ़ाया जा रहा है जहां उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। 

रोते हुये सीताराम ने कहा कि बीमारी भी नहीं है हर महीने ब्लड भी एक यूनिट चाहिये। जैसे-तैसे रुपए जुटाकर उपचार कराता हूं। अब तक छह लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। सीताराम ने कहा कि इस मामले में सरकार से ही अब उम्मीद बची है। सरकार उसे ब्लड उपलब्ध कराए। मेडिकल कॉलेज से रेफर होने के बाद हम आखिर कहां उपचार करा पाएंगे। 

 रिपोर्टर - गणेश जी वर्मा 

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.