कोई प्रधान फैशन डिजाइनर तो कोई मनोवैज्ञानिक

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कोई प्रधान फैशन डिजाइनर तो कोई मनोवैज्ञानिकगाँव कनेक्शन

इटावा। बीते दिनों जनपद में चार चरणों में संपन्न हुए ग्राम पंचायत एवं ग्राम प्रधान पदों की मतगणना के बाद घोषित नतीजों ने कई रोचक पहलुओं को भी सामने लाया है।

ग्राम प्रधान के पदों पर निर्वाचित हुए उच्च शिक्षित युवाओं के जुनून का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि एक प्रत्याशी तो मतगणना के वक्त दिल्ली में आयोजित परास्नातक स्तर की एक परीक्षा में सम्मिलित हो रही थी।

इटावा ज़िले के आठ विकास खंडों की 471 ग्राम पंचायतों पर मतदान हुआ था। जनपद के ताखा विकास खंड में सर्वाधिक शिक्षित युवाओं के प्रति ही मतदाताओं ने अपना रुझान दिखाया। गाँव की पगडंडियों से जुड़े इन चुनावों में महानगरों में फल-फूल रहे फैशन डिजाइनिंग एवं शोध में डिग्री हासिल करने वाले युवाओं ने भी अपनी विजयी पताका फहराने में कामयाबी हासिल की है।

ताखा विकास खंड के सरसईनावर ग्राम पंचायत में प्रधान पद की विजेता घोषित हुईं महज 23 वर्ष की प्रियंका यादव ने अपना बचपन बेशक ग्रामीण परिवेश में बिताया हो परंतु शिक्षा की उच्च मुकाम पर पहुंचना उनका सपना था। अपने इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया और बेंगलूरू में निफ्ट से फैशन डिजाइनिंग में स्नातक की डिग्री हासिल कर ली। इतना ही नहीं जब विभिन्न ग्राम प्रधान पदों के प्रत्याशी मतगणना के दौरान अपने भाग्य का पिटारा खुलता देखने के लिए मतगणना केंद्रों पर उमड़ रहे थे तब प्रियंका इस आपाधापी से पर हट दिल्ली में मास्टर डिग्री की परीक्षा में शामिल हो रहीं थीं।

ग्राम पंचायत कदमपुर ग्राम पंचायत से प्रधान पद पर विजयी हुईं आकांक्षा यादव ने महज 23 वर्ष की अवस्था में ही मनोवैज्ञानिक से शोध की डिग्री हासिल करने वाली आकांक्षा अपनी योग्यता को ग्रामीण उत्थान में लगाना चाहती है। 

आकांक्षा बताती है, ''कई बार सुनती थी कि फलां गाँव में सड़कें सही हैं, बिजली आती है, इसी कारण मैंने चुनाव लड़ा ताकि पूरी तरह अपने गाँव का विकास कर सकूं।" इसी कड़ी में मोहरी ग्राम पंचायत से प्रधान निर्वाचित हुए युवा रामशंकर अधिवक्ता के पेशे से जुड़े हैं तो भरतपुर खुर्द के विजयी प्रधान परास्नातक की डिग्री होल्डर हैं। कुरखा ग्राम पंचायत पर भी मतदाताओं ने परास्नातक नरेंद्र कुमार पर ही अपना भरोसा जताया है। 

ज़िले की बसरहर विकास खंड के ग्राम पंचायत गंगापुर बिठौली से पूर्व राज्यमंत्री रामसेवक यादव के नाती सुशांत शेखर यादव ने जनपद में सबसे कम उम्र का प्रधान होने का ताज पहना है। उन्होंने महज 21 वर्ष की अवस्था में ही अपने पहले चुनाव में मतदाताओं का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की है। सुशांत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 441 मतों के व्यापक अंतराल से परास्त कर मतदाओं को नई युवा सोच के साथ ही विकास के नये सपने दिखाए हैं।

नये प्रधानों को खुलाना होगा बैंक एकाउंट

पंचायती राज व्यवस्था के तहत जनपद के नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों के लिए बैंक खाता अपरिहार्य होगा। जिन निर्वाचित प्रधानों के किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में पहले से खाते हैं तो उन्हें अपने खाते की जानकारी देनी होगी और जो पहली बार ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए हैं उन्हें अपना खाता आवश्यक रूप से खुलवाना पड़ेगा। इस संबंध में सभी निर्वाचित प्रधानों को अवगत करा दिया गया है।

पहली बैठक में तय हुई छह समितियां

गाँव की नई सरकारों के गठन के साथ ही बीते 26 दिसंबर को पहली बैठकों का आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया। इसमें छह नई समितियों का गठन किया गया। इनमें नियोजन एवं विकास, शिक्षा समिति, निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति, प्रशासनिक समिति तथा जल प्रबंधन समिति का गठन हुआ। नई व्यवस्था के तहत गाँव के विकास में इन समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित की गई, जिसमें ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों को ही इन समितियों की कमान सौंपी गई। लिहाजा इस चुनाव के बाद ग्राम पंचायत सदस्यों की जिम्मेदारियों में इजाफा हो गया है।

रिपोर्टर - मसूद तैमूरी

 

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