Gaon Connection Logo

आम की फसल पर कीटों व रोगों का हमला, समय रहते करें बचाव 

नहर सिंचाई

सुरेन्द्र कुमार

मलिहाबाद (लखनऊ)। पेड़ों में कम बौर ने बाग मालिकों की चिंता बढ़ा दी थी, इस बार मौसम भी आम का साथ नहीं दे रहा है। बढ़ते तापमान से आम की बाग में कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ गया है।

मलिहाबाद, माल क्षेत्र मे 36 हजार हेक्टेयर भू-भाग पर आम के बाग लहलहा रहे हैं। फसल में आम का फुदका, भुनगा कीट व लस्सी कीड़ा लगने के साथ डांसी मक्खी का प्रकोप दिखाई पड़ रहा है। यह तीनों कीट बौर व फलों का रस चूस फसल को बर्बाद कर रहे हैं।

औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र के मुख्य उद्यान विशेषज्ञ डॉ. अतुल कुमार सिंह बचाव के बारे में कहते हैं, “भुनगा व भुदका कीट की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवा कार्बेरिक चार ग्राम या क्वीनालफास दो मिली. या मोनोक्रोटोफा 1.5 मिली. या क्लोरोपाइरीफास दो मिली. अथवा फेनीट्रोथियान डेढ़ मिली एक लीटर पानी मे घोलकर आम के पेड़ों पर छिड़काव करना चाहिए।”

इसके अलावा तीन और प्रभावशाली दवाएं प्रोपेनोफास, थायोमेथाक्स व इमिडाक्लोरोपिड दवाएं हैं। जिनका छिड़काव करना वर्तमान मे लाभदायक है। इन्हीं कीटनाशक दवाओं मे से किसी एक दवा का दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद करना चाहिए।

बन रहे फलों पर डांस मक्खी का प्रकोप भी देखा जा रहा है। यह सबसे भयानक कीट है। इस कीट की सूडियां आम के गूदे को खा जाती हैं। एक मक्खी करीब 200 तक अण्डे देती हैं। जिससे दो-तीन दिन मे सूड़ियां निकल कर आम के फल के गूदे खाने लगती हैं। इसकी रोकथाम के लिए कार्बेरिल, हाइड्रोलिकजेट अथवा शीरा के छिड़काव से इस पर पूर्ण नियंत्रण पाया जा सकता है। दूसरा छिड़काव 21 दिन के अन्तराल पर करना चाहिए।

नहर में नहीं आया पानी कैसे हो सिंचाई

तेज गर्मी व धूप से पेड़ों में लगे आम सिंचाई के अभाव मे पीले पड़ सूखने की कगार पर पहुंच रहे हैं। चल रही समय असमय विद्युत आपूर्ति के कारण नलकूपों का बराबर चलना बन्द है। दूसरी तरफ नहरों मे पानी नही है।

इस समय आम में सिंचाई की जरूरत है, लेकिन नहर में पानी ही नहीं है। आम उत्पादक महेन्द्र सिंह कहते हैं, “इस समय बागों की सिंचाई की आवश्यकता है। अगर एक पखवारा के अन्दर नहरों मे पानी न आया, बागों की सिंचाई न हो पायी तो बची हुयी फसल भी नष्ट हो जाएगी।”

इस बारे में मलिहाबाद विधानसभा की विधायक जयदेवी कौशल कहती हैं, “प्रयास कर शीघ्र ही नहरों मे पानी छुड़वाया जाएगा। साथ ही खराब राजकीय नलकूपों की कमियां ठीक कराकर उन्हें चालू कराया जायेगा। आम उत्पादकों की अन्य समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए वह शासन स्तर पर उनके निराकरण का प्रयास करेंगी।”

More Posts

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...