कोयड़ा (पाटन, गुजरात)। देश के 11 राज्यों में इन दिनों मिट्टी की सेहत और मिट्टी की जांच के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए साइकिल जागरुकता रैली निकाली जा रही है। जागरुकता कार्यक्रम और साइकिल रैली की शुरुआत 3 मार्च को जम्मू की शेर-ए- कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से हुई थी, मुहिम का समापन 40 दिन बाद कन्याकुमारी में होगा।
देश के ग्रामीण मीडिया हाउस गांव कनेक्शन और हैदराबाद की कृषि क्षेत्र में कार्यरत संस्था कृषि तंत्रा के इस अधियान के तहत 22 मार्च को गुजरात के पाटन जिले में जागरुकता रैली का आयोजन हुआ। पाटन जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर संतालपुर तहसील के कोयड़ा गांव में हुए इस आयोजन में आसपास के कई गांवों के 200 से करीब किसानों ने हिस्सा लिया। इस दौरान किसानों को बताया गया कि खेत की मिट्टी की जांच क्यों आवश्यक है।
समारोह में मुख्य अतिथि के रुप शामिल हुए तालुका के तहसीलदार एम.जी परमार ने किसानों को खेत की मिट्टी के जांच के फायदे गिनाए और उन्हें ज्यादा से ज्यादा जांच के लिए प्रेरित किया। एम.जी परमार ने किसानों से कहा कि अगर वो समय-समय पर मिट्टी की जांच कराते रहेंगे तो उर्वरक की जरुरत कम पड़ेगी और उत्पादन भी बेहतर होगा।
इस दौरान कई किसानों ने मौजूद अधिकारियों के सामने अपनी समस्या रखी जिसका निस्तारण भी किया गया। समारोह के दौरान एक साइकिल रैली का भी आयोजन किया गया, जिसमें 50 से ज्यादा किसानों, युवाओं ने साइकिल चलाकर जागरुकता का संदेश दिया। समारोह के समापन में समारोह और साइकिल रैली में शामिल हुए किसानों को जूट के बने बैग और टीशर्ट देकर पुरस्कृत किया गया।
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कृषि तंत्र ने मिट्टी की जांच के लिए कृषि रास्ता नाम से एक मशीन बनाई है। ये मशीन सिर्फ 50 मिनट में 12 प्रकार के परीक्षण करके उसके रिजल्ट बता देती है। सामान्य मशीनें तीन तरह की जांच ही करती हैं और उनके नतीजें आने में कई दिन लगते हैं। कृषि रास्ता जिंक, कॉपर, सल्फ़र, कार्बन, आयरन, बोरान, पोटेशियम आदि की तुरंत जांच कर रिजल्ट देती है। जांच रिपोर्ट के साथ ही कृषि वैज्ञानिक मुफ्त सलाह देते हैं। ये खबर अंग्रेजी में यहां पढ़ें-