अप्रैल महीने में नुकसान से बचने के लिए मछली पालक रखें इन जरूरी बातों का ध्यान

देश के कई राज्यों में एक बड़ा तबका मछली पालन से जुड़ा हुआ है, मछली पालकों के लिए हर महीना महत्वपूर्ण होता है, जानिए अप्रैल में मछली पालकों को क्या करना चाहिए।

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अप्रैल महीने में नुकसान से बचने के लिए मछली पालक रखें इन जरूरी बातों का ध्यान

सभी फोटो: दिवेंद्र सिंह

मछली पालकों के लिए अप्रैल महीना नया तालाब शुरू करने और पुराने तालाबों की साफ-सफाई करने का सही समय होता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर मछली नुकसान से बच सकते हैं।

मछली पालन के लिए बनाने के लिए सही जगह का चुनाव करना चाहिए, साथ ही पुराने तालाबों का सुधार/मरम्मत करनी चाहिए और नए तालाबों का निर्माण शुरू कर देना चाहिए।

मत्स्य बीज उत्पादक ग्रास कार्प की ब्रीडिंग हैचरी में शुरू कर दें।

तालाब में जलीय कीटों, खरपतवार व अतिरिक्त मछलियों की सफाई थोड़े-थोड़े समय में करते रहना चाहिए।

इस महीने में तालाब में कॉमन कार्प मत्स्य बीज का संचय करना चाहिए।


तालाब में मछलियों के बीज डालने से पहले 200-250 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से बुझे हुए चूने का इस्तेमाल करें।

प्लैंकटान नेट से नर्सरी, तालाब, ग्रोआउट तालाब और प्रजनक तालाब के पानी में प्राकृतिक भोजन की उपलब्धता की जांच करनी चाहिए और साथ ही जैविक और रासायनिक उर्वरक प्रयोग विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार करना चाहिए।

तालाब में जाल चलाकर मत्स्य बीज की प्रगति और स्वास्थ्य की जांच समय-समय पर करते रहना चाहिए।

तालाब में पूरे साल कम से कम 1.5 मीटर पानी का स्तर बना रहे ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।

इस महीने मछलियों को घुलनशील ऑक्सीजन की कमी के कारण तालाब में पानी के ऊपरी सतह पर आकर सांस लेने की काफी संभावना रहती है। मछलियों को घुलनशील ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने से बचाने के लिए मत्स्यपालक अपने तालाब में मछलियों का संचय संतुलित रखें, ज्यादा मात्रा में मछलियों के रहने पर उनकी संख्या कम कर दें। हफ्ते में एक फीट पानी को निकालकर बोरवेल से ताजा पानी भरें या फिर 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से ऑक्सीजन बढ़ाने वाली दवा ओटूमैक्स/एडऑक्सी/ ऑक्सी ग्रो/ऑप्टी ऑक्सीजन का इस्तेमाल प्रति 15 दिनों में करें।

हैचरी संचालन/मत्स्य बीज उत्पादक अच्दे अंडों का निषेचन दर व स्पॉन की उत्तरजीविता के लिए पोषकयुक्त आहार गट प्रोबायोटिक का प्रयोग प्रजनक मछली के आहार में करें।

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