कृषि विशेषज्ञों की सलाह: किसान इस समय खरीफ फसलों में प्रबंधन के साथ ही करें इन सब्जियों की बुवाई

आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की है।

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कृषि विशेषज्ञों की सलाह: किसान इस समय खरीफ फसलों में प्रबंधन के साथ ही करें इन सब्जियों की बुवाई

वर्षा के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए सभी किसानों को सलाह है की किसी प्रकार का छिड़काव ना करें और खड़ी फसलों व सब्जी नर्सरियों में उचित प्रबंधन रखे। दलहनी फसलों व सब्जी नर्सरियों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें।

धान की फसल मे यदि पौधों का रंग पीला पड रहा हो और पौधे की ऊपरी पत्तियां पीली और नीचे की हरी हो तो इसके लिए जिंक सल्फेट(हेप्टा हाइडेट्र 21%) 0 किग्रा/हैक्टेयर की दर से 300 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें।

इस मौसम में धान की वृद्धि होती इसलिए फसल में कीटों की निगरानी करें। तना छेदक कीट की निगरानी के लिए फिरोमोन प्रपंच @ 3-4 /एकड़ लगाए।

इस मौसम में किसान गाजर की (उन्नत किस्म- पूसा वृष्टि) बुवाई मेड़ों पर कर सकते हैं। बीज दर 0-6.0 कि.ग्रा. प्रति एकड़। बुवाई से पूर्व बीज को केप्टान @ 2.0 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचार करें और खेत में देसी खाद और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें।


जिन किसानों की टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन व अगेती फूलगोभी की पौध तैयार है, वे मौसम को देखते हुए रोपाई मेड़ों पर (ऊथली क्यारियों) पर करें और जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें।

इस मौसम में किसान ग्वार (पूसा नव बहार, दुर्गा बहार), मूली (पूसा चेतकी), लोबिया (पूसा कोमल), भिंडी (पूसा ए-4), सेम (पूसा सेम 2, पूसा सेम 3), पालक (पूसा भारती), चौलाई (पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण) आदि फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार हो तो बुवाई ऊँची मेंड़ों पर कर सकते है। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें।

किसान वर्षाकालीन प्याज की पौध की रोपाई इस समय कर सकते है। जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें।

इस मौसम में किसान स्वीट कोर्न (माधुरी, विन ऑरेंज) और बेबी कोर्न (एच एम-4) की बुवाई कर सकते है। जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें।

कद्दूवर्गीय और दूसरी सब्जियों में मधुमक्खियों का बडा योगदान है क्योंकि, वे परागण में सहायता करती है इसलिए जितना संभव हो मधुमक्खियों के पालन को बढ़ावा दें। कीड़ों और बीमारियों की निरंतर निगरानी करते रहें, कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क रखें व सही जानकारी लेने के बाद ही दवाईयों का प्रयोग करें।


किसान प्रकाश प्रपंच (Light Trap) का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए एक प्लास्टिक के टब या किसी बड़े बरतन में पानी और थोडा कीटनाशक दवाई मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात में खेत के बीच में रखे दें। प्रकाश से कीट आकर्षित होकर उसी घोल पर गिरकर मर जायेंगें। इस प्रपंश से अनेक प्रकार के हानिकारक कीटों मर जाते हैं।

गेंदा के फूलों की (पूसा नारंगी) पौध छायादार जगह पर तैयार करें और जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें।

फलों (आम, नीबू और अमरुद) के नऐ बाग लगाने के लिए अच्छी गुणवत्ता के पौधों का प्रबन्ध करके इनकी रोपाई जल्द करें।


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