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राजस्थान: जैविक खेती करने वाले किसानों की मदद करेगा ‘राज किसान जैविक’ मोबाइल ऐप

राजस्थान में जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए कृषि विभाग ने ‘राज किसान जैविक’ मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसके जरिए किसान न केवल अपनी उपज आसानी से बेच सकता है, बल्कि अपने उत्पाद का सही भाव भी तय कर सकता है।
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जैविक खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या कृषि उत्पाद बेचने में आती है, क्योंकि बाजार में उन्हें सही दाम ही नहीं मिल पाता है, ऐसे में मोबाइल ऐप ‘राज किसान जैविक’ मददगार साबित हो सकता है।

कृषि विभाग ने राज किसान जैविक मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसमें विक्रेता और खरीदार रजिस्ट्रेशन कर के बेच और खरीद सकते हैं। कृषि विभाग, राजस्थान के उप निदेशक डॉ. शंकर बाबू ऐप के बारे में बताते हैं, “इस ऐप की मदद से किसान अपनी उपज आसानी से बेच सकते हैं, इसके लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करने के बाद सबसे पहले अपना जैविक खेती का प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा।”

वो आगे कहते हैं, “प्रमाणपत्र अपलोड करने पर संबंधित जैविक प्रमाणीकरण संस्था जहां से किसान ने प्रमाणपत्र हासिल किया है, वो एप्रूव करेगी कि किसान को उस संस्था से जैविक खेती का प्रमाणपत्र मिला है, इसी तरह खरीदार को भी रजिस्ट्रेशन करना होता है, लेकिन उसके लिए कोई सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है।”

कृषि विभाग के अनुसार, राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में 90 जैविक उत्पादक समूह पंजीकृत हैं जिनसे करीब 20 हजार से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। यह किसान जैविक तरीके से अनाज, सब्जी, मसाले और फलों का उत्पादन कर रहे हैं।

किसान गूगल प्ले स्टोर से राज किसान जैविक ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। (Photo: Kandukuru Nagarjun/Flickr)

अभी तक इन किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए सही खरीददार ढूंढने में परेशानी होती है, लेकिन अब ऐप के माध्यम से किसानों की मदद हो जाएगी।

ऐप पर रजिस्ट्रेशन करके किसान और खरीददार आपस में बातचीत कर उपज बेच और खरीद सकते हैं। किसान गूगल प्ले स्टोर से इस एप को डाउनलोड करके अपना पंजीकरण कर सकते हैं और एप पर पंजीकृत खरीददारों से मोलभाव कर अपने उत्पाद बेच सकते हैं। इसमें व्यक्तिगत और समूह के रूप में प्रमाणित दोनों ही प्रकार के किसान अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इस एप पर अब तक 160 किसानों और 29 खरीददारों का पंजीकरण हो चुका है।

प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में दुर्गापुरा स्थित कृषि प्रबंधन संस्थान से जैविक उत्पाद बिक्री प्रोत्साहन स्थल की शुरूआत की गई है।

किसान ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से राज किसान जैविक ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद खुद को विक्रेता के रूप में रजिस्टर्ड करना होगा, जिसके लिए ‘विक्रेता पंजीकरण’ बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद एकल या समूह में खेती करने वाले किसान को अपनी श्रेणी का चयन कर आधार नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद मोबाइल पर ओटीपी आएगी, जिसे एंटर करना होगा। इसके बाद किसान व पिता का नाम, गांव जैसे सभी विवरण आधार के जरिए अपने आप दर्ज हो जाएंगे। इसके बाद किसान को ‘जमा करें’ बटन पर क्लिक करना होगा। इस प्रकार किसान के मोबाइल एप पर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में 90 जैविक उत्पादक समूह पंजीकृत हैं जिनसे करीब 20 हजार से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। (Photo: Petr Smelc/Flickr)

खरीददार ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

खरीददार व्यापारी पंजीकरण के लिए ‘क्रेता पंजीकरण’ बटन पर क्लिक करके और अपना आधार नंबर दर्ज करके इसे ओटीपी द्वारा सत्यापित करेंगे। इससे आधार में दर्ज विवरण के अनुसार उपयोगकर्ता व पिता का नाम, मोबाइल नंबर आदि अपने आप एप में दर्ज हो जाएगा। खरीददार को भी ‘जमा करें’ बटन पर क्लिक करना होगा। इस तरह क्रेता और विक्रेता दोनों का पंजीकरण आसानी से इस मोबाइल एप पर हो जाता है।

प्रमाणीकरण संस्था करेगी वेरीफाई

रजिस्ट्रेशन करने के बाद जैविक खेती करने वाले किसान को मोबाइल एप के माध्यम से प्रमाणीकरण संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र की फोटो लेनी होगी और उससे संबंधित वैधता विवरण और प्रमाणित करने वाली एजेंसी का नाम दर्ज करना होगा। इसके बाद ‘जमा बटन’ पर क्लिक करने पर प्रमाण पत्र मोबाइल एप में अपलोड हो जाएगा जिसका वेरीफिकेशन संबंधित प्रमाणीकरण संस्था द्वारा किया जाएगा।

किसान और खरीददार आपस में तय कर सकते हैं भाव

प्रमाणीकरण संस्था के वेरीफिकेशन के बाद किसान इस मोबाइल एप में जैविक कृषि योग्य भूमि का विवरण, फसल का नाम, बिक्री योग्य उपज और जैविक फसल का रकबा आदि दर्ज कर सकेंगे। इस मोबाइल एप में यह भी सुविधा दी गई है कि किसान अपनी उपज की बिक्री दर भी इसमें दर्ज कर सकेगा। किसान द्वारा जैविक उपज के बारे में दिया गया समस्त विवरण इस मोबाइल एप में पंजीकृत खरीददारों को दिखने लगेगा जिससे वे विक्रेता किसान को ‘कॉल बटन’ पर क्लिक करके फोन पर संपर्क कर सकेंगे।

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